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Friday, 18 July, 2025
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अहमदाबाद में दुर्घटनास्थल विमान से ‘ब्लैक बॉक्स’ बरामद; मोदी ने घटनास्थल का दौरा किया

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अहमदाबाद, 13 जून (भाषा) लंदन जा रहे एअर इंडिया के विमान का ‘ब्लैक बॉक्स’ यहां एक मेडिकल कॉलेज छात्रावास की छत से शुक्रवार को बरामद कर लिया गया।

अहमदाबाद से लंदन जा रहा बोइंग विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद ही बी.जे. मेडिकल कॉलेज के आवासीय परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा कि ‘डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर’ (डीएफडीआर), जिसे आमतौर पर ब्लैक बॉक्स के रूप में जाना जाता है, को दुर्घटना स्थल पर ‘‘छत’’ से बरामद किया गया है। डीएफडीआर यह पता लगाने में मदद करेगा कि हादसे का शिकार हुए विमान में अंतिम क्षणों में क्या हुआ और यह बक्सा यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण है कि आपदा कैसे हुई।

ब्लैक बॉक्स एक छोटा उपकरण है जो उड़ान के दौरान विमान के बारे में जानकारी रिकॉर्ड करता है। यह विमानन दुर्घटनाओं की जांच में मदद करता है।

लंदन जा रहा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान (एआई171) बृहस्पतिवार दोपहर 230 यात्रियों और चालक दल के 12 सदस्यों को लेकर अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल कॉलेज के परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में एक व्यक्ति बाल-बाल बच गया जबकि विमान में सवार 241 लोग मारे गए। इस हादसे में पांच एमबीबीएस छात्रों समेत जमीन पर 24 अन्य लोगों की मौत हो गई।

मोदी ने अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान दुर्घटना स्थल का दौरा किया तथा यहां सिविल अस्पताल में घायलों से मुलाकात की। उन्होंने दुर्घटना स्थल पर लगभग 20 मिनट बिताए।

विमानन विशेषज्ञों ने 11 वर्ष पुराने विमान के दोनों इंजनों में समस्या, कई पक्षियों का टकराना या फ्लैप (उड़ान भरने या उतरते समय गति धीमी करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला भाग) संबंधी समस्या समेत संभावित समस्याओं पर चर्चा की।

विमानन नियामक डीजीसीए ने एअर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर बेड़े की सुरक्षा जांच बढ़ाने का शुक्रवार को आदेश दिया। टाटा समूह के स्वामित्व वाली एअर इंडिया के बेड़े में 26 बोइंग 787-8 और सात बोइंग 787-9 विमान हैं।

एएआईबी ने एक बयान में कहा, ‘‘डीएफडीआर (ब्लैक बॉक्स) को छत से बरामद कर लिया गया है।’’

इस संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं दी गई।

एक अधिकारी ने बताया कि ब्लैक बॉक्स मेडिकल कॉलेज के छात्रावास की इमारत की छत से मिला। यह इमारत बीजे मेडिकल कॉलेज के आवासीय क्वार्टर का हिस्सा है। विमान का पीछे का हिस्सा इमारत के ऊपरी हिस्से के पास फंसा हुआ था।

डीएफडीआर आमतौर पर विमान के पिछले भाग में स्थित होता है। उसे चमकीले नारंगी रंग से रंगा जाता है, ताकि मलबे में उसका आसानी से पता लगाया जा सके।

नागर विमानन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने बताया कि एएआईबी ने दुर्घटना स्थल से 28 घंटे के भीतर डीएफडीआर को बरामद कर लिया है।

उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘यह जांच में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे घटना की जांच में काफी मदद मिलेगी।’’

‘कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर’ (सीवीआर) की बरामदगी के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। इसे भी ब्लैक बॉक्स के नाम से जाना जाता है। सीवीआर रेडियो प्रसारण और कॉकपिट में अन्य ध्वनियों को रिकॉर्ड करता है, जैसे पायलटों के बीच बातचीत और इंजन की आवाजें।

डीजीसीए के विस्तृत निरीक्षण के तहत टाटा समूह के स्वामित्व वाली विमानन कंपनी एअर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान की विभिन्न प्रणालियों की जांच और ‘टेक-ऑफ’ (उड़ान भरने संबंधी) मापदंडों की समीक्षा की जाएगी।

पीड़ितों के शोकाकुल परिवार इस आपदा से उबरने की कोशिश कर रहे हैं और शवों के मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पुलिस ने कहा कि पहचान के बाद छह पीड़ितों के शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए।

बृहस्पतिवार को हुए हादसे के बाद 265 शवों को पोस्टमार्टम के लिए अहमदाबाद सिविल अस्पताल भेजा गया था। एक अधिकारी ने बताया कि इनमें से केवल छह की शिनाख्त हो पाई क्योंकि उनके चेहरे पहचाने जा सकने की हालत में थे।

उन्होंने बताया कि अन्य शव इतनी बुरी तरह झुलस चुके हैं कि उनकी पहचान कर पाना मुश्किल है इसलिए उनकी शिनाख्त के लिए डीएनए जांच की जा रही है।

पुलिस निरीक्षक चिराग गोसाई ने कहा, ‘‘हमने छह शव परिजनों को सौंप दिए हैं। हमने शवों की पहचान के लिए डीएनए के नमूने एकत्र करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि पूरी तरह झुलस चुके शवों की पहचान की जा सके। हमसे 215 मृतकों के रिश्तेदारों ने अपने नमूने देने के लिए संपर्क किया है।’’

उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम कक्ष में पहुंचने वाले परिजनों से जानकारी जुटाने के बाद उन्हें डीएनए के नमूने देने के लिए बीजे मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा है।

निरीक्षक ने बताया, ‘‘डीएनए नमूने के मिलान की प्रक्रिया पूरी होने में करीब 72 घंटे लगेंगे। एक बार मिलान हो जाने पर शव परिजनों को सौंप दिए जाएंगे।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने शहर के सिविल अस्पताल में विमान में सवार एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति विश्वास कुमार रमेश से बात की तथा अन्य घायलों से भी मुलाकात की।

विश्वास कुमार रमेश ने कहा कि उन्हें अब भी विश्वास नहीं हो रहा है कि कैसे वह चमत्कारिक रूप से उस हादसे में बच गए हैं जिसमें 265 लोगों की जान चली गई है।

ब्रिटिश नागरिक रमेश ने कहा कि उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि अहमदाबाद से गैटविक के लिए नौ घंटे की यात्रा पूरी करने के लिए विमान उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद ही रुक गया तथा हरी और सफेद बत्तियां जल उठीं।

डीडी न्यूज को दिए साक्षात्कार में लीसेस्टर निवासी रमेश ने कहा, ‘‘यह सब मेरी आंखों के सामने हुआ। मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि मैं कैसे बच गया।’’

मोदी अस्पताल के सी7 वार्ड में पहुंचे जहां 25 घायलों का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने सिविल अस्पताल के चिकित्सकों से भी बातचीत की।

मोदी ने अहमदाबाद हवाईअड्डे के पास गुजरात राज्य विमानन अवसंरचना कंपनी लिमिटेड के दफ्तर में प्रदेश के और नागर विमानन मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की।

प्रधानमंत्री मोदी ने एअर इंडिया विमान हादसे में मारे गये गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के परिजनों से यहां मुलाकात की और उन्हें (रूपाणी को) एक विनम्र और मेहनती नेता के रूप में याद किया।

टाटा समूह के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन ने शुक्रवार को कहा कि भले ही यह कठिन समय हो, लेकिन समूह अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटेगा और सही काम करने में नहीं झिझकेगा।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एअर इंडिया का स्वामित्व रखने वाला समूह विमान दुर्घटना पर अपनी सूचना में पारदर्शी रहेगा।

कर्मचारियों को भेजे गए एक आंतरिक संदेश में उन्होंने यह भी कहा कि जब ‘टाटा संस’ ने एअर इंडिया का अधिग्रहण किया था, तो यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना उसकी पहली और सर्वोच्च प्राथमिकता थी एवं ‘‘इससे कोई समझौता नहीं किया गया।’’

सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अधिकारियों ने दुर्घटनास्थल का दौरा किया।

राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि वह ‘‘अहमदाबाद दुर्घटना की जांच में एएआईबी की सहायता करने के लिए भारत की यात्रा करने वाले अमेरिकी जांचकर्ताओं की एक टीम का नेतृत्व करेगा।’’ एनटीएसबी एक अमेरिकी सरकारी एजेंसी है जो नागरिक उड्डयन दुर्घटनाओं की जांच करती है।

भाषा सिम्मी माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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