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Sunday, 22 December, 2024
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BJP के 7 सीटों पर 200 से कम वोट से जीत का दावा, EC ने फैक्ट चेक में बताया गलत

चुनाव आयोग के बृहस्पतिवार को जारी चुनाव परिणाम के मुताबिक कोई भी सीट ऐसी नहीं है जहां जीत-हार का अंतर 200 या उससे कम रहा हो.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के पिछले दिनों संपन्न चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सात सीटों पर 200 से कम वोटों से और 23 सीटों पर 500 से कम मतों से जीत का दावा सत्यात्मक सत्यापन (फैक्ट चेक) में गलत साबित हुआ है.

निर्वाचन आयोग द्वारा बृहस्पतिवार को जारी चुनाव परिणाम के मुताबिक कोई भी सीट ऐसी नहीं है जहां जीत-हार का अंतर 200 या उससे कम रहा हो. हार जीत का सबसे कम अंतर धामपुर सीट पर रहा जहां भाजपा प्रत्याशी अशोक कुमार राणा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा उम्मीदवार नईम उल हसन को मात्र 203 मतों से हराया. इसके अलावा कुर्सी सीट से भाजपा प्रत्याशी साकेंद्र वर्मा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के राकेश वर्मा को महज 217 मतों से पराजित किया.

भाजपा के 23 सीटों पर 500 वोटों से कम के अंतर से जीत दर्ज करने के सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों के विपरीत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर अपडेट किए गए आंकड़ों के मुताबिक भाजपा सिर्फ सात सीटों बड़ौत, बिलासपुर, धामपुर, कटरा, कुर्सी, नकुड और नेहटौर सीटों पर ही 500 से कम वोटों से जीती है.

चुनाव के नतीजों में समाजवादी पार्टी (सपा) को 27 सीटों पर 5,000 से कम वोटों से पराजय मिली जबकि उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल को तीन सीटों पर नजदीकी अंतर से हार का सामना करना पड़ा.

सोशल मीडिया पर वायरल संदेशों में इन सीटों पर सपा की हार के लिए असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है लेकिन इन 30 में से 22 सीटों पर उसने अपना प्रत्याशी ही नहीं खड़ा किया था लिहाजा इन सीटों पर सपा गठबंधन की पराजय के लिए ओवैसी की पार्टी के जिम्मेदार होने का दावा भी सच नहीं है.

हालांकि सपा गठबंधन की पराजय वाली जिन आठ सीटों पर एआईएमआईएम ने अपने उम्मीदवार खड़े किए उनमें से औराई, कुर्सी, मुरादाबाद नगर, नकुड, शाहगंज, बिजनौर और सुल्तानपुर में उसके उम्मीदवारों को मिले वोट हार-जीत के अंतर से ज्यादा हैं.

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर अपडेट आंकड़ों के मुताबिक, कुल 52 सीटें ऐसी रहीं जहां हार-जीत का अंतर 5,000 या उससे कम का रहा.

सपा को अलीगंज, औराई, बहराइच, बदलापुर, भोगांव, छिबरामऊ, इटावा, फरीदपुर, जलालाबाद, बिंदकी, जलेसर, कटरा, मधुबन, मानिकपुर, मड़ियाहूं, मोहम्मदी, मुरादाबाद नगर, नकुड़, फूलपुर, सलोन, शाहगंज, श्रावस्ती, सीतापुर, सुल्तानपुर और तिर्वा सीटों पर 5,000 से कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा. इनमें से सात सीटों पर हार का अंतर 1,000 से भी कम था.

उधर, सपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) को बड़ौत सीट 315 मतों से, नेहटौर सीट 258 मतों से और बिजनौर सीट 1445 मतों से गंवानी पड़ी.

भाजपा की बात करें तो उसे 19 सीटों पर 5,000 से कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा. चांदपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार कमलेश सैनी को सपा उम्मीदवार स्वामी ओमवेश ने मात्र 234 मतों से हराया. वहीं, भाजपा को रामनगर सीट केवल 261 और इसौली सीट मात्र 269 मतों के अंतर से गंवानी पड़ी.

इसके अलावा भाजपा को बस्ती सदर, भदोही, बहेड़ी, बिसौली, दिबियापुर, इसौली, डुमरियागंज, गाजीपुर, इटवा, जसराना, किठौर, मेजा, पटियाली, फरेंदा, रानीगंज, सरेनी और जैदपुर सीटों पर 5,000 से कम वोटों से पराजय मिली. इनमें से छह सीटें ऐसी हैं जहां पर भाजपा को 1000 से भी कम मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा.

भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी को हंडिया सीट से सपा के हाथों 3543 मतों से और कालपी सीट से सपा के ही खिलाफ 2816 वोटों से पराजय का सामना करना पड़ा.

भाजपा के एक अन्य सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) के प्रत्याशी को बछरावां सीट से सपा उम्मीदवार ने 2,812 मतों से पराजित किया.

उत्तर प्रदेश विधानसभा के सात चरणों में हुए चुनाव के परिणाम बृहस्पतिवार को घोषित किए गए इनमें भाजपा ने एक बार फिर पूर्ण बहुमत हासिल किया. उसे कुल 255 सीटें हासिल हुई जबकि उसके सहयोगी दलों अपना दल सोनेलाल को 12 तथा निषाद पार्टी को छह सीटों पर जीत मिली.

समाजवादी पार्टी को 111 सीटें मिली जबकि उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल को आठ और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को छह सीटों पर कामयाबी मिली. कांग्रेस और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक को दो-दो तथा बहुजन समाज पार्टी को एक सीट मिली.

भाषा सलीम अर्पणा

अर्पणा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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