पणजी, दो मार्च (भाषा) गोवा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य के “भारतीयकरण” से संबंधित टिप्पणी के लिए विपक्षी विधायक विजय सरदेसाई पर निशाना साधा और पूछा कि वह छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में की गई कोंकणी लेखक उदय भेंबरे की टिप्पणी पर क्यों चुप हैं।
शनिवार को 87 वर्षीय लेखक और पूर्व विधायक भेंबरे से मुलाकात के बाद गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के प्रमुख सरदेसाई ने आरोप लगाया था कि वे (भाजपा) गोवा में वही करना चाहते हैं जो वे उत्तर प्रदेश में करते हैं।
जीएफपी नेता ने आरोप लगाया था कि जो भी उनकी (भाजपा की) विचारधारा से सहमत नहीं है, उसे शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाया जाता है।
सरदेसाई ने दावा किया, ‘यह गोवा के भारतीयकरण की नयी संस्कृति है। यह बुरी बात है।’
बजरंग दल ने छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में भेंबरे के बयान और गोवा के साथ उनके संबंधों को लेकर मडगांव में स्थित उनके आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद जीएफपी विधायक ने भेंबरे से मुलाकात की थी।
सरदेसाई ने कहा कि यह ‘दादागिरी’ गलत है।
उन्होंने कहा, ‘मैं गोवावासियों से अपील करता हूं कि गोवा को उत्तर प्रदेश, बिहार न बनने दें। यहां के लोगों को इतिहास का अध्ययन करने के बाद जो वे सोचते हैं, उसे लिखने का अधिकार है। वे इस विषय पर खुली बहस के लिए उन्हें (भेंबरे) बुला सकते हैं।’
फतोर्दा के विधायक सरदेसाई की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गोवा भाजपा के प्रवक्ता गिरिराज पाई वर्नेकर ने शनिवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘विजय सरदेसाई ने मंत्री बनने के समय भारतीय संविधान की शपथ ली थी। अब वह गोवा के ‘भारतीयकरण’ के बारे में बोल रहे हैं। पाखंड या विशुद्ध बेशर्मी?’
वर्नेकर ने कहा, ‘क्या वह छत्रपति शिवाजी महाराज या उनकी सेना द्वारा महिलाओं का अपहरण करने के बारे में झूठ का समर्थन करते हैं? वह भेंबरे द्वारा एक महान मराठा योद्धा का अपमान किए जाने के बारे में चुप क्यों हैं?’
बजरंग दल के प्रदर्शन के बाद हालांकि भेंबरे ने माफी मांगने से इनकार कर दिया है और कहा है कि वह अपने बयान पर कायम हैं।
भाषा जोहेब प्रशांत
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