नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए 1984 के सिख विरोधी दंगों का मामला उठाया और उनके पिता व पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर ‘मॉब लिंचिंग का पिता’ होने का आरोप लगाया.
राहुल गांधी ने पंजाब और कुछ अन्य जगहों पर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर कथित तौर पर मार डालने (लिंचिंग) की हालिया घटनाओं की पृष्ठभूमि में मंगलवार को आरोप लगाया था कि साल 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार बनने से पहले ‘लिंचिंग’ शब्द सुनने में नहीं आता था.
उन्होंने ‘थैंक्यू मोदी जी’ हैशटैग के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘2014 से पहले ‘लिंचिंग’ शब्द सुनने में भी नहीं आता था.’
गौरतलब है कि गत रविवार को पंजाब के कपूरथला के निजामपुर गांव में एक गुरुद्वारा में सिख धर्म के ‘निशान साहिब’ (ध्वज) का अनादर करने के आरोप में एक अज्ञात व्यक्ति को भीड़ ने पीट-पीटकर कथित तौर पर मार डाला.
इससे पहले अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में शनिवार को कथित बेअदबी को लेकर भीड़ ने एक अन्य व्यक्ति की पीट-पीट कर कथित तौर पर जान ले ली थी.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने 1984 के दंगे को, जिसमें हजारों सिख मारे गए थे, लिंचिंग का ‘सबसे बड़ा उदाहरण’ बताया.
उन्होंने मीडिया के लिए ‘दलाली’ शब्द का इस्तेमाल करने के लिए भी राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया और कहा कि यह शर्म की बात है.
ठाकुर ने दावा किया कि राहुल गांधी ने तीसरी बार इस प्रकार से पत्रकारों पर हमला बोला है. उन्होंने ‘मीडिया के एक बड़े धड़े’ से आग्रह किया कि वह इस पर अपनी राय रखें.
उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी का यह बयान आपातकाल के दिनों की याद दिलाती है जब मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिए गए थे.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि 1984 के सिख दंगों में सैंकड़ों की संख्या में सिखों की हत्या कर दी गई थी और इसके लिए कांग्रेस के कुछ नेताओं को जिम्मदार ठहराया जाता है. उन्होंने 1989 के भागलपुर दंगों का भी उल्लेख किया और सवाल किया कि क्या वह मार डालने यानी लिंचिंग की घटना नहीं थी.
उन्होंने कहा, ‘‘भीड़ द्वारा टायर जलाकर सिखों के गले में डालकर उनकी हत्या की गई थी. क्या यह लिंचिंग नहीं थी.’’
भाजपा के आईटी विभाग के मुखिया अमित मालवीय ने ट्वीट किया, ‘मिलिए राजीव गांधी से, मॉब लिंचिंग के पिता, सिखों के कत्लेआम को न्यायोचित ठहरा रहे हैं. कांग्रेस सड़कों पर उतरी, ‘खून का बदला खून से लेंगे’ जैसे नारे लगाए, बलात्कार किया, सिखों के गले में जले हुए टायर डाल दिए गए और नालियों में पड़े शवों को कुत्ते खा रहे थे.’
मालवीय ने राजीव गांधी के एक भाषण का वीडियो भी साझा किया.
ज्ञात हो कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में दंगे भड़क गए थे और इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव गांधी ने कहा था कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है. आलोचकों ने इसे राजीव गांधी द्वारा दंगों को न्यायोचित ठहराने वाला बयान करार दिया था.
राहुल गांधी पर निशाना साधने के लिए मालवीय ने अपने ट्वीट में 1969 और 1993 के बीच हुए विभिन्न दंगों का भी उल्लेख किया.