नई दिल्ली: चीनी सेना का अरुणाचल प्रदेश की सीमा में कब्जा करने की बात भले ही भारतीय सेना नकारती रही हो लेकिन अरुणाचल प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष और सांसद तापिर गाव ने खुलासा किया है कि किस तरह चीनी सेना ने अरुणाचल प्रदेश के आखिरी गांव चागलाम इलाके में 25 किलोमीटर घुसपैठ की है. चीनी सेना ने सिर्फ घुसपैठ ही नहीं कि बल्कि स्थायी पुल का निर्माण भी कर लिया है.
हालांकि, भारतीय सेना सांसद के इस दावे का खंडन करते हुए कह रही है कि बारिश के दिनों में छोटे झरनों पर अस्थायी पुल का निर्माण करना नई बात नहीं है.
भाजपा सांसद गाव भारतीय सीमा में चाईनीज घुसपैठ पर दिप्रिंट से विशेष बातचीत में सबूत देते हुए कहते हैं कि अगर 2019 के अगस्त में यह घटना मामूली है तो 2018 में चीनी सेना ने भारतीय सीमा में घुसकर सियांग जिले में 2 किलोमीटर लंबी सड़क बनाना क्या था? भारतीय सेना ने इसपर सवाल पूछा जाना चाहिए.
सियांग जिले में हुई थी घुसपैठ
तापिर गाव दप्रिंट को बतातें हैं, ‘हर साल चीन की सेना अरुणाचल में कई किलोमीटर तक न केवल घुसती रही है बल्कि क़ब्ज़ा कर रही है.’
‘2018 में सियांग ज़िले के बीजिंग गांव में जेसीबी लाकर चीन की सेना ने दो किलोमीटर लंबी सड़क बना ली थी लेकिन ये इलाके इतने घने जंगलों में हैं कि हमारी सेना को कई महीनों तक इसकी खबर नहीं लग पाई.’
एक और घटना का जिक्र करते हुए बीजेपी सांसद कहते है, ‘दिवांग घाटी में 2018 में भारतीय सेना के जवानों को चीन की सेना के लोग घूमते मिले थे.’
‘भारतीय सेना के विरोध के बाद वो भारतीय सीमा से निकले इसलिए सेना को चीनी क़ब्ज़े की ख़बरों को गंभीरता से लेना चाहिये और उन सघन जंगलों में पेट्रोलिंग बढ़ानी चाहिये. वह आगे कहते हैं, ‘भारतीय सेना को अपना आधारभूत ढांचा भा मजबूत करना चाहिये.’
तापिर गाव के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश के आदिवासीयों की सबसे बड़ी पूजा स्थली ‘अट्टपप्पू’ है जो कि चीन के क़ब्ज़े में है .
पूर्वी अरूणाचल से सांसद तापिर गाव चीन के विस्तारवादी रवैये की तरफ इशारा करते हुए कहतें हैं, ‘चीन को आप हल्के में नहीं ले सकते और डोकलाम जैसी स्थिति ना हो जाए इसके लिए भारतीय सेना को और चाक चौबंद होना होगा.’
बता दें कि लंबे समय से चीन अरुणाचल प्रदेश के इलाकों पर अपना दावा ठोकता रहा है.