कोलकाता, दो नवंबर (भाषा) नागरिक समाज सदस्यों के तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) समर्थक एक मंच ने रविवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में गरीब नागरिकों को मताधिकार से वंचित करने के लिए मतदाता सूचियों की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रही है।
‘देश बचाओ गण मंच’ में पूर्व श्रम मंत्री पूर्णेंदु बसु, पत्रकार रंतिदेव सेनगुप्ता और बंगाली उप-क्षेत्रीय संगठन जातीय बांग्ला सम्मेलन के सदस्य शामिल हैं। मंच ने एसआईआर के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन जारी रखने और जरूरत पड़ने पर कानूनी मदद लेने का संकल्प लिया।
बसु ने कोलकाता प्रेस क्लब में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि नागरिकता के अधिकार के बिना अवैध रूप से प्रवेश करने वालों को मतदाता सूची से बाहर रखा जाना चाहिए, लेकिन एसआईआर प्रक्रिया का इस्तेमाल “राजनीतिक हितों के अनुरूप बलपूर्वक और अनुचित तरीकों से” मतदाता सूची में बदलाव करने के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “हमारा ‘देश बचाओ गण मंच’ जरूरत पड़ने पर सड़कों पर उतरेगा और कानूनी कदम भी उठाएगा। भाजपा और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए।”
एसआईआर को भाजपा की राजनीतिक और सांप्रदायिक रणनीति का हिस्सा बताते हुए सेनगुप्ता ने कहा, “जबकि भाजपा नेता राज्य में करोड़ों अवैध प्रवासियों का हवाला देते हैं, आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार बंगाल में रोहिंग्याओं की संख्या सिर्फ 102 है।”
सेनगुप्ता ने आरोप लगाया कि भाजपा भले ही “मुसलमानों और रोहिंग्या घुसपैठियों” को निशाना बनाती है, लेकिन एसआईआर अभ्यास के तहत सबसे अधिक नुकसान हिंदुओं को हो रहा है।
उन्होंने कहा, “केंद्रीय आंकड़ों से स्पष्ट है कि देश में 40,000 रोहिंग्याओं में से केवल 102 पश्चिम बंगाल में हैं।”
भाषा पारुल नरेश
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