कोलकाता, 21 जनवरी (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक ही सिक्के के दो पहलू बताते हुए शुक्रवार को कहा कि ममता बनर्जी की पार्टी पर इसलिए विश्वास नहीं किया जा सकता क्योंकि भाजपा के विरुद्ध लड़ाई में उनकी भूमिका कभी संदेह से परे नहीं रही है।
तृणमूल कांग्रेस द्वारा एक संयुक्त मोर्चा बनाने की कवायद को महत्वहीन करार देते हुए माकपा के प्रदेश महासचिव सूर्यकांत मिश्रा ने कहा कि बंगाल में सत्तारूढ़ दल उतना ही “फासीवादी और अलोकतांत्रिक” है जितनी भाजपा है।
तृणमूल नेताओं ने दावा किया था कि बनर्जी ने हाल में गोवा विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन के वास्ते सोनिया गांधी से संपर्क किया था लेकिन कांग्रेस ने इस पर प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
तृणमूल कांग्रेस की आलोचना करते हुए मिश्रा ने कहा, “यह सोनिया गांधी पर निर्भर करता है कि वह क्या निर्णय लेंगी। जहां तक हमारी बात है, ममता बनर्जी पर विश्वास नहीं किया जा सकता। भाजपा के विरुद्ध लड़ाई में उनकी भूमिका संदेह से परे कभी नहीं रही।”
आगामी निकाय चुनाव में माकपा की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर, मिश्रा ने कहा, “हमारी नीति वही है- भाजपा और तृणमूल कांग्रेस से मुकाबले के लिए सभी वाम, पंथनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को एकजुट करना।”
उन्होंने कहा, “आगे की रणनीति तय करने के लिए 15-17 मार्च के बीच पार्टी का सम्मेलन आयोजित होगा।”
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