scorecardresearch
Sunday, 6 October, 2024
होमदेशटीआईपीआरए मोथा के साथ गठबंधन या विलय की संभावना पर चर्चा करेगी भाजपा की सहयोगी आईपीएफटी

टीआईपीआरए मोथा के साथ गठबंधन या विलय की संभावना पर चर्चा करेगी भाजपा की सहयोगी आईपीएफटी

Text Size:

अगरतला, 27 मार्च (भाषा) त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने रविवार को कहा कि वह अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले त्रिपुरा इंडिजिनस प्रोग्रेसिव रीजनल अलायंस (टीआईपीआरए मोथा) के साथ विलय या गठबंधन की संभावना पर चर्चा करेगी।

शाही वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मा के नेतृत्व वाला टीआईपीआरए मोथा त्रिपुरा के मूल निवासियों के लिए एक अलग राज्य की मांग करता है।

आईपीएफटी के प्रवक्ता और सहायक महासचिव मंगल देबबर्मा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘नयी कार्यकारी समिति बनाने के लिए हमारा सम्मेलन 2 और 3 अप्रैल को आयोजित होगा। वहां हम चर्चा करेंगे कि आईपीएफटी को टीआईपीआरए मोथा के साथ विलय करना चाहिए या गठबंधन करना चाहिए क्योंकि दोनों पार्टियां अलग राज्य की मांग करती हैं।’’

टीआईपीआरए मोथा के प्रमुख प्रद्योत किशोर देबबर्मा ने कई बार राज्य के सभी आदिवासी-आधारित दलों के ग्रेटर टिपरालैंड की मांग को पूरा करने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया है। पिछले साल की शुरुआत में गठित टीआईपीआरए मोथा ने अप्रैल 2021 में हुए त्रिपुरा ट्राइबल एरियाज ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (टीटीएएडीसी) के चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन के साथ सीधे मुकाबले में ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ की मांग को लेकर 28 में से 18 सीटें जीतीं थीं।

टीटीएएडीसी में त्रिपुरा के क्षेत्र का दो-तिहाई हिस्सा शामिल है और यहां आदिवासी रहते हैं।

आईपीएफटी के प्रवक्ता ने कहा कि जब ‘लोकप्रिय’ शाही वंशज ने आदिवासी दलों की एकता का आह्वान किया है, ‘‘हम उन्हें राज्य के मूल लोगों के लिए एक अलग राज्य की उनकी मांग को पूरा करने का एक मौका देना चाहते हैं।’’

60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में एक अलग राज्य की मांग 20 सीटों के परिणामों को प्रभावित कर सकती है जहां आदिवासियों का काफी दबदबा है।

भाषा अमित नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments