रामपुरहाट (पश्चिम बंगाल), 24 मार्च (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सख्त रुख अख्तियार करने और अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सहयोगियों सहित बीरभूम हत्याकांड के सभी संदिग्धों को पकड़ने का आदेश देने के कुछ घंटे बाद, पुलिस ने बृहस्पतिवार को तीर्थनगरी तारापीठ स्थित एक होटल के पास से तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता अनारुल हुसैन को गिरफ्तार कर लिया।
इससे पहले दिन में, बनर्जी ने बोगतुई गांव का दौरा किया, जहां आठ लोगों को कथित तौर पर जिंदा जलाकर मार दिया गया था। बनर्जी ने पीड़ितों के परिवार के सदस्यों के साथ बात की और उन्हें मुआवजे के रूप में स्थायी सरकारी नौकरी और धनराशि की भी पेशकश की।
बनर्जी टीएमसी नेता भादु शेख के घर भी गईं, जिनकी हत्या के बारे में संदेह है उसी के बाद यह घटना हुई। बनर्जी ने शेख के परिजनों को भी यही प्रस्ताव दिये।
बनर्जी ने कहा, ‘‘पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि रामपुरहाट हिंसा मामले के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। अदालत के समक्ष एक कड़ा मामला दायर किया जाएगा।’’
बनर्जी ने कहा कि इस हत्याकांड के पीछे एक ‘बड़ी साजिश’ हो सकती है, जिसकी व्यापक निंदा हुई है।
उन्होंने पीड़ितों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण के लिए दो-दो लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि घायलों में से प्रत्येक को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री बनर्जी ने पुलिस को टीएमसी नेता और रामपुरहाट -1 सामुदायिक ब्लॉक इकाई के अध्यक्ष अनारुल हुसैन को यह कहते हुए गिरफ्तार करने का निर्देश दिया कि उन्होंने इलाके में संभावित अशांति के बारे में स्थानीय लोगों की आशंका पर उचित ध्यान नहीं दिया, जिसके बाद यह घटना हुई।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि हुसैन के आवास सहित जिले के विभिन्न हिस्सों में तलाशी ली गई, जिसके बाद हुसैन को तारापीठ से पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा उसके मोबाइल फोन की लोकेशन ट्रैक करने के बाद उसे एक होटल के पास से पकड़ा गया।
बनर्जी ने आठ लोगों को जिंदा जलाने को एक ‘‘जघन्य अपराध’’ बताते हुए रामपुरहाट के एसडीपीओ शायन अहमद और अन्य पुलिस अधिकारियों की भूमिका की आलोचना की और कहा कि अगर पुलिस सक्रिय होती तो इसे टाला जा सकता था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन अधिकारियों को ‘कर्तव्य में लापरवाही’ के लिए दंडित किया जाना चाहिए।
एसडीपीओ को बाद में जिला पुलिस अधिकारियों ने निलंबित कर दिया।
बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं इस तरह की घटना की कल्पना नहीं कर सकती। बीरभूम में कुछ लोगों द्वारा कानून व्यवस्था में व्यवधान डाला जा रहा है। पुलिस इसमें हर संभव कोण से जांच करेगी। वे यह भी देखेंगे कि स्थानीय लोग या बाहरी लोग इसमें शामिल हैं या नहीं। मेरा मानना है कि वहां इसमें एक बड़ी साजिश है।’’
बनर्जी ने कहा कि पुलिस को राज्य भर से बम और अवैध आग्नेयास्त्रों का पता लगाने के लिए एक अभियान शुरू करने का आदेश दिया गया है। बनर्जी ने कहा कि बाहरी लोगों द्वारा ग्रामीणों पर किसी भी संभावित हमले पर नजर रखने के लिए इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं दोनों हत्याओं (भादु शेख और आठ अन्य की) की निंदा करती हूं। मैं एक मुख्यमंत्री के रूप में नहीं बल्कि एक इंसान के रूप में बात कर रही हूं। आपने अपने प्रियजनों को खो दिया है, मेरा दिल टूट गया है। परिवार के सदस्यों की भलाई की देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी है।’’
हत्याकांड के पीड़ितों के परिवार के सदस्यों को नौकरी की पेशकश के बारे में बनर्जी ने कहा कि उन्हें पहले साल के लिए 10,000 रुपये के वेतन के साथ ‘ग्रुप डी’ में नौकरी दी जाएगी, जिसके बाद उनकी नौकरी स्थायी हो जाएगी।
बाद में, बनर्जी ने उन पांच घायलों से भी मुलाकात की, जिनका पास के रामपुरहाट शहर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।
भाषा अमित उमा
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