नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को हटाने की मांग की।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में आठ लोगों को जिंदा जलाने की घटना को लेकर राजनीतिक घमासान जारी है। इस मुद्दे की गूंज संसद के भीतर और बाहर सुनाई दे रही है।
लोकसभा में आखिरी कतार में अपनी सीट से उठते हुए भाजपा सांसद सौमित्र खान तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार के खिलाफ गुस्से में नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन की ओर बढ़े और कुछ समय के लिए सीटों के कतार के बीच आने-जाने के लिए बने गलियारे में ही बैठ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल ‘ आतंक की जमीन’ में बदल गया है।
कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई ने भी लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को घटनास्थल पर जाने की अनुमति नहीं दिए जाने को लेकर राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने चौधरी को घटना स्थल से 90 किलोमीटर दूर ही रोकने को लोकतंत्र के लिए झटका करार दिया।
टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने लोकसभा में शाह के साथ हुई उनकी बातचीत की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि गृहमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए।
बैठक के बाद बंदोपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी ने राज्यपाल को हटाने की मांग की और आरोप लगाया कि वह संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘संसदीय प्रणाली उनकी वजह से खतरे में है।’’
उल्लेखनीय है कि धनखड़ की राज्य में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार के साथ टकराव वाले रिश्ते हैं और नवीनतम घटना से लगता है कि उन्हें हमला करने का मौका मिल गया है। बनर्जी ने भी उनपर पलटवार किया है।
खान के आक्रोश के प्रति लोकसभा में भाजपा के अन्य सदस्यों ने भी सहानुभूति जताई लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम प्रकाश बिरला ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह सदन की कार्यवाही नहीं चल सकती।
दोनों पक्षों के बीच तर्क-वितर्क के बाद उन्होंने कहा कि सदस्यों को संयम और गरिमा बनाए रखने की जरूरत है।
गौरतलब है कि बीरभूम जिले में तृणमूल कांग्रेस के पंचायत पदाधिकारी की हत्या के बाद मंगलवार तड़के करीब एक दर्जन झोपड़ियों में आग लगा दी गई थी जिसमें दो बच्चों सहित आठ लोगों की जलकर मौत हो गई थी।
भाषा धीरज पवनेश
पवनेश
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