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Monday, 6 May, 2024
होमदेशबिहार मूल के पुतिन की पार्टी के MLA ने रूसी हमले को बताया 'सर्जिकल स्ट्राइक', कहा- भारतीयों को पीट रहे यूक्रेनी सैनिक

बिहार मूल के पुतिन की पार्टी के MLA ने रूसी हमले को बताया ‘सर्जिकल स्ट्राइक’, कहा- भारतीयों को पीट रहे यूक्रेनी सैनिक

पटना में जन्में भारतीय मूल के अभय कुमार सिंह जो कि पुतिन की पार्टी से रूस के पश्चिमी शहर कुर्स्क के डेप्यूटाट यानी विधायक हैं, ने रूसी हमले का समर्थन करते हुए इसे सर्जिकल स्ट्राइक बताया.

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नई दिल्लीः यूक्रेन और रूस के बीच आज सातवें दिन भी युद्ध जारी है. रूस लगातार कीव और खारकीव शहरों पर हमले कर रहा है. ऐसे में भारतीय मूल रूसी डेप्यूटाट अभय कुमार सिंह ने रूस के हमले की कार्रवाई का समर्थन किया है. रूस में डेप्यूटाट भारत में विधायक के बराबर होता है. अभय कुमार सिंह मूलतः बिहार में पटना के रहने वाले हैं और इस वक्त वे रूस में पुतिन की पार्टी से पश्चिमी शहर कुर्स्क के डेप्यूटाट हैं.

NATO का करीब आना समझौते का उल्लंघन

इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अगर चीन, बांग्लादेश में आकर अपना सैन्य अड्डा बना लेता है तो भारत को कैसा लगेगा. भारत इसे पसंद नहीं करेगा. इसी तरह से नाटो का गठन भी रूस के खिलाफ हुआ था जिसको सोवियत संघ के विघटन के बाद भी खत्म नहीं किया गया बल्कि यह धीरे धीरे रूस की सीमाओं के करीब आता गया. अगर यूक्रेन नाटो में शामिल होता है तो पड़ोसी देश होने के नाते नाटो हमारे और करीब आ जाएगा जो कि समझौते का उल्लंघन होगा. ऐसे में हमारे पास कार्रवाई करने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा था.

अभय कुमार सिंह ने आजतक को दिए एक इंटरव्यू में ये भी कहा कि रूसी सेना यूक्रेन के आम नागरिकों महिलाओं और बच्चों को बचाने के लिए धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है क्योंकि हथियारबंद लोग महिलाओं और बच्चों को शील्ड की तरह आगे कर दे रहे हैं.

वहीं न्यूक्लियर हथियारों के प्रयोग किए जाने को उन्होंने खारिज किया. उन्होंने कहा कि इसका प्रयोग सिर्फ उसी हालत में किया जाना है जब कोई दूसरा देश उन पर हमला करेगा.

रूसी हमले को बताया सर्जिकल स्ट्राइक

वहीं दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि यह जंग है ही नहीं बल्कि यह एक तरह का सर्जिकल स्ट्राइक है. भारत की पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक से तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि ये उसी तरह की कार्रवाई है. इस ऑपरेशन के तहत यूक्रेन की जनता और जान-माल का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. इसीलिए रूस की सेना धीरे धीरे आगे बढ़ रही है. अगर ऐसा न होता तो रूस के लिए यह एक दिन का युद्ध था.

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भारतीय छात्र की मौत पर दुख जताते हुए उन्होंने कहा कि यूक्रेनी सैनिकों या बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स का रवैया भारतीयों के साथ खराब रहा है. लड़कियों को जूते से मारा गया है. ऐसा संभवतः इसलिए है क्योंकि भारत ने यूक्रेन का समर्थन नहीं किया है और वह इसका बदला छात्रों से ले रहा है.

आर्थिक प्रतिबंधों की पहले से है तैयारी

रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों पर उन्होंने कहा कि रूस ने पहले से ही इसकी तैयारी कर रखी है. इस प्रतिबंध का नतीजा भी आगे अच्छा ही होने वाला है. रूबल अभी गिर रहा है लेकिन कुछ समय में सब ठीक हो जाएगा.

उन्होंने रूस में सोशल मीडिया बंद किए जाने को भी नकारा. उन्होंने कहा कि रूस का अपना खुद का सोशल नेटवर्क है और फेसबुक को भी बंद नहीं किया गया है. सिर्फ कुछ लोगों का सोशल मीडिया नेटवर्क बंद किया गया है लेकिन यहां ट्विटर टेलीग्राम वगैरह भी चल रहा है ऐसे में लोगों तक सारी जानकारियां पहुंच रही हैं.

जब उनसे पूछा गया कि रूस में कुछ लोगों ने पुतिन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया तो उन्होंने कहा कि रूस में यूक्रेन के 10 लाख से ज्यादा प्रवासी रहते हैं. इनमें से काफी लोगों को रूस की नागरिकता दी जा चुकी है. वे लोग पुतिन का समर्थन करते हैं लेकिन दुनिया में ऐसा कोई नेता नहीं है जिसको 100 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिले.

पत्रकार सिद्धांत सिबल को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि भारत उनका जन्म स्थान है और रूस उनका चुना हुआ देश इसलिए रूस से उनको प्यार है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि भारत में उनके दोस्त, परिवार के लोग और रिश्तेदार रहते हैं इसलिए उन्हें भारत से भी काफी प्यार है.

कौन हैं अभय कुमार

डॉ. अभय कुमार सिंह मूलतः पटना के रहने वाले हैं. साल 1991 में वे डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए रूस चले गए थे. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने भारत आकर कुछ दिन प्रेक्टिस की लेकिन फिर रूस वापस जाकर फार्मास्यूटिकल का बिजनेस करने लगे. इसके बाद साल 2015 में उन्होंने पुतिन की पार्टी ज्वाइन कर ली और 2018 में प्रांतीय चुनाव जीतकर वे पश्चिमी रूसी शहर कुर्स्क में डेप्यूटाट हो गए.


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