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Thursday, 25 April, 2024
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‘नहीं चलेगी रूस की मनमानी..’ US राष्ट्रपति बाइडन ने कहा- यूक्रेन की इंच-इंच जमीन की करेंगे रक्षा

बाइडन ने कहा, अमेरिका और हमारे सहयोगी हमारी सामूहिक शक्ति के साथ नाटो क्षेत्र के हर इंच की रक्षा करेंगे. यूक्रेनियन पूरे साहस के साथ वापस लड़ रहे हैं.

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नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन में जारी संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है. रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं. वहीं रूस के निंदा करते हुए पश्चिमी देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं. इसी कड़ी में अब अमेरिका ने भी अपने हवाई क्षेत्र को रूस की उड़ानों के लिए बंद कर दिया है और इसी के साथ ही यूक्रेन को अपना पूरा समर्थन देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि वह नाटो देशों के साथ मिलकर यूक्रेन की इंच-इंच की रक्षा करेंगे.

बाइडन ने कहा, अमेरिका और हमारे सहयोगी हमारी सामूहिक शक्ति के साथ नाटो क्षेत्र के हर इंच की रक्षा करेंगे. यूक्रेनियन पूरे साहस के साथ वापस लड़ रहे हैं. पुतिन को युद्ध के मैदान में लाभ हो सकता है, लेकिन उन्हें लंबे समय तक एक उच्च कीमत चुकानी होगी.

हालांकि बाइडन ने कहा कि अमेरिकी सेना रूस के साथ भिड़ेगी नहीं लेकिन रूस को मनमानी करने से रोकेगी. बाइडन ने बताया कि अमेरिका यूक्रेन को हर संभव मदद पहुंचा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि रूस को अपनी मनमानी की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

पुतिन पर यूक्रेन के खिलाफ ‘पूर्व नियोजित तथा अकारण’ युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया और कहा कि अमेरिका उनके द्वारा पेश की गईं चुनौतियों का सामना करने को तैयार है.

बाइडन ने कहा, ‘अपने पूरे इतिहास से हमने यह सबक सीखा है कि जब तानाशाह को अपनी आक्रामकता की कीमत नहीं चुकानी पड़ती, तो वे और अधिक अराजकता फैलाने लगते हैं. वे आगे बढ़ते रहते हैं और अमेरिका तथा विश्व के लिए खतरा बढ़ता जाता है.’

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पुतिन पर निशाना साधते हुए बाइडन ने कहा, ‘इसलिए द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का गठन किया गया. अमेरिका सहित 29 अन्य देश इसके सदस्य हैं. अमेरिकी कूटनीति मायने रखती है.’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘पुतिन का युद्ध पूर्व नियोजित और अकारण है. उन्होंने कूटनीति के प्रयासों को खारिज कर दिया. उन्होंने सोचा था कि पश्चिमी देश और नाटो इसका जवाब नहीं देंगे. उन्हें लगा था कि वह हमारे घर में ही हमें बांट सकते हैं. पुतिन गलत थे. हम तैयार हैं.’

पुतिन ने गलत समझा

बाइडन ने कहा कि उनके रूसी समकक्ष ने यूक्रेन पर हमले का गलत आकलन किया है. उन्होंने कहा, ‘पुतिन ने सोचा था कि वह यूक्रेन में घुस जाएंगे और दुनिया कुछ नहीं करेगी, जबकि इसके बजाय उन्हें ऐसी एकजुटता का सामना करना पड़ा, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी. उन्हें यूक्रेन की जनता का सामना करना पड़ा.’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘संघर्ष के इस समय में, जैसा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने यूरोपीय संसद में अपने भाषण में कहा, ‘रोशनी अंधेरे पर जीत हासिल करेगी’. अमेरिका में यूक्रेन के राजदूत आज रात यहां मौजूद हैं. आइए हम सभी आज रात इस कक्ष से यूक्रेन और दुनिया को एक अचूक संकेत भेजें.’

कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के बाद यह पहला मौका था, जब संसद के सभी सदस्यों को सदन में आमंत्रित किया गया. बाइडन के भाषण के दौरान सांसद लगातार तालियों के साथ उनकी हौसला अफजाई करते रहे.

झूठ का जवाब सच से

बाइडन ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हमने पुतिन का सामना करने के लिए यूरोप और अमेरिका से लेकर एशिया और अफ्रीका तक सभी स्वतंत्रता-प्रेमी देशों का गठबंधन बनाने में महीनों मेहनत की. हम रूस के झूठ का जवाब सच से देते हैं….’

बाइडन ने कहा कि अपने सहयोगियों के साथ-साथ अमेरिका भी कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा रहा है. वे रूस के सबसे बड़े बैंकों को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से बाहर कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘हम रूस की प्रौद्योगिकी तक पहुंच भी सीमित कर रहे हैं, जो आने वाले वर्षों में उसकी आर्थिक ताकत को कम और उसकी सेना को कमजोर करेगा.’

इस दौरान, बाइडन ने घोषणा की कि अमेरिका अपने हवाई क्षेत्र को रूसी विमानों के लिए बंद कर रहा है और कहा कि अन्य दंडात्मक कदमों के साथ उठाया गया यह कदम रूस को कमजोर करेगा.

बाइडन ने कहा, ‘आज रात, मैं घोषणा करता हूं कि हम और हमारे सहयोगी रूसी विमानों के लिए अमेरिकी हवाई क्षेत्र को बंद करेंगे.’

सैन्य केंद्र न बनाए पश्चिमी देश

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने मंगलवार को कहा कि पश्चिमी देशों को सोवियत संघ से टूट कर अस्तित्व में आए राष्ट्रों के क्षेत्र में सैन्य केंद्र स्थापित नहीं करने चाहिए जो नाटो के सदस्य नहीं हैं. इससे कुछ दिन पहले रूस ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया है.

जिनेवा में हो रहे निरस्त्रीकरण सम्मेलन को वीडियो के माध्यम से संबोधित करते हुए रूस के शीर्ष राजनयिक ने इस बात पर जोर दिया कि मॉस्को का मानना है कि उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्यों से कानूनी तौर पर बाध्यकारी सुरक्षा गारंटी हासिल करना अहम है.

लावरोव ने कहा, ‘हमारे पश्चिमी सहयोगियों ने अब तक रूस को दीर्घकालिक कानूनी रूप से बाध्यकारी सुरक्षा गारंटी देने की कोई इच्छा नहीं दिखाई है. हमारे लिए इन उद्देश्यों को प्राप्त करने का मौलिक महत्व है.’

सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ की खबर के मुताबिक, लावरोव ने कहा, ‘पश्चिमी देशों को सोवियत संघ का हिस्सा रहे राष्ट्रों के क्षेत्र में सैन्य केंद्र स्थापित करने से बचना चाहिए जो गठबंधन के सदस्य नहीं हैं, जिनमें किसी भी तरह की सैन्य गतिविधि करने के लिए उनकी अवसंरचना का इस्तेमाल भी शामिल है.’


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