नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बिहार सरकार को उस वकील को पेश आने वाले खतरे का आकलन करने और उन्हें सुरक्षा मुहैया करने को कहा है, जिनके पिता की 2020 में राज्य के दानापुर शहर में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।
शीर्ष न्यायालय ने राज्य सरकार को यह निर्देश भी दिया कि खतरे का आकलन करने के बाद वकील के परिवार को सुरक्षा मुहैया किया जाए।
न्यायालय का यह निर्देश अधिवक्ता सुभाष कुमार की एक याचिका पर आया है, जिनके पिता हरेंद्र कुमार की कथित तौर पर कुलशेखर शर्मा उर्फ भोला सिंह ने 2020 में हत्या कर दी थी।
शर्मा, हरेंद्र कुमार की मां की हत्या का आरोपी है और वकील (हरेंद्र) ने निचली अदालत में सुनवाई के दौरान उसके खिलाफ गवाही दी थी। शर्मा, हरेंद्र कुमार की गवाही को लेकर नाराज था।
अपनी दादी और पिता को खोने वाले सुभाष कुमार ने अधिवक्ता समरहार सिंह के मार्फत दलील दी कि अब परिवार के शेष सदस्यों को आरोपी से जान का खतरा होने का अंदेशा है।
सुभाष के पिता, हत्या मामले में एक मुख्य गवाह थे।
सुभाष ने दोनों ही घटनाओं को लेकर शीर्ष न्यायालय का रुख किया और अपनी याचिका में कहा कि आरोपी ने पहले ही उनके परिवार के दो सदस्यों की हत्या कर दी है।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने सात मार्च के एक आदेश में कहा कि अंतरिम याचिका की सामग्री के मद्देनजर, ‘‘हम दूसरे प्रतिवादी, बिहार राज्य, को याचिकाकर्ता और उनके परिवार को खतरे की आशंका का आकलन करने के बाद पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करने का आदेश व निर्देश देते हैं। ’’
भाषा सुभाष माधव
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