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Sunday, 26 October, 2025
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बिहार: भाकपा (माले) के घोषणा पत्र में भूमिहीनों को न्याय, 65 फीसदी आरक्षण सहित कई वादे

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भोजपुर, 26 अक्टूबर (भाषा) बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) मार्क्सवादी-लेनिनवादी (माले)-लिबरेशन ने रविवार को अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया।

घोषणापत्र में भूमिहीनों के लिए न्याय, लगभग 21 लाख एकड़ भूमि का पुनर्वितरण, किसानों व ग्रामीण मजदूरों के लिए कर्ज माफी और वंचित समुदायों को 65 प्रतिशत आरक्षण सहित कई वादे किए गए हैं।

भोजपुर में दलित नेता राम नरेश राम (परसजी) की 15वीं पुण्यतिथि पर निकाली गई ‘संकल्प यात्रा’ के बाद यह घोषणा पत्र जारी किया गया।

पार्टी ने भूमिहीनों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर भूमिहीन व बेघर परिवार को ग्रामीण क्षेत्रों में पांच डिसमिल और शहरी क्षेत्रों में तीन डिसमिल जमीन तथा एक पक्का घर देने का वादा किया।

एक डिसमिल 435.6 वर्ग फुट के बराबर होता है।

पार्टी ने बंद्योपाध्याय आयोग की सिफारिशों को लागू करते हुए करीब 21 लाख एकड़ भूमि के पुनर्वितरण का वादा किया।

वर्ष 2006 में डी. बंद्योपाध्याय की अध्यक्षता में गठित बिहार राज्य आयोग ने व्यापक भू-सुधार की सिफारिश की थी।

भाकपा (माले) ने पुनर्वास के बिना किसी गरीब को विस्थापित न करने का भी वादा किया।

पार्टी ने किसानों और बटाईदारों के लिए सभी फसलों की सरकारी खरीद, लाभकारी मूल्य की गारंटी, किसानों व ग्रामीण मजदूरों का कर्ज माफ, कृषि के लिए मुफ्त बिजली, हर खेत तक पानी, नहरों का आधुनिकीकरण, पहचान पत्र व अधिकारों की गारंटी, बटाईदारों की बेदखली पर रोक, कृषि उपज विपणन समिति ,( एपीएमसी कानून की बहाली सहित कई प्रावधानों का वादा किया है।

पार्टी ने महागठबंधन के वंचित समुदायों को 65 फीसदी आरक्षण देने व इसे नौवीं अनुसूची में शामिल करने के वादे को दोहराया।

भाकपा (माले) ने साथ ही बिजली, राशन और पेंशन जैसी बुनियादी जरूरतों की गारंटी, दलितों और गरीबों के खिलाफ हिंसा, पुलिस ज्यादती और भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।

पार्टी द्वारा किये गये अन्य वादों में 1500 रुपए मासिक वृद्धावस्था पेंशन, दो लाख रुपए तक के सभी कर्ज माफ, रसोइया, आशा, आंगनवाड़ी, ममता, जीविका व सफाईकर्मियों को नियमित वेतन और सरकारी दर्जा शामिल है।

पार्टी ने मनरेगा के तहत 200 दिनों का रोजगार, 600 रुपए दैनिक मजदूरी और पुरानी पेंशन योजना की बहाली का भी वादा किया।

घोषणापत्र में प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा के लिए निदेशालय और राज्यवार सहायता केंद्र स्थापित करने का वादा भी किया गया है।

भाकपा (माले) ने युवाओं के लिए सभी रिक्त पदों पर तुरंत नियुक्ति, बेरोजगारों को 3,000 रुपए मासिक भत्ता, समान शिक्षा प्रणाली व निजी शिक्षा पर नियंत्रण, पेपर लीक पर कड़े कानून तथा छात्रवृत्ति राशि बढ़ाने का आश्वासन दिया।

इसके अलावा प्रत्येक प्रखंड में महिला कॉलेज और छात्राओं को मुफ्त शिक्षा देने की बात कही गई।

महिलाओं के लिए 2,500 रुपए आर्थिक सहायता, हिंसा, उत्पीड़न और झूठी शान की खातिर अपराध पर कड़ी रोक, कार्यस्थलों पर विशाखा दिशानिर्देशों का पालन, महिला छात्रावास, माइक्रोफाइनेंस शोषण पर नियंत्रण और गरीब महिलाओं के लिए कर्ज राहत के वादे भी किए गए हैं।

अल्पसंख्यकों के लिए अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा, वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा, सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू करने, सांप्रदायिक हिंसा और नफरत फैलाने वाले भाषण पर त्वरित कार्रवाई का वादा भी घोषणापत्र में शामिल है।

भाकपा (माले) ने स्वास्थ्य सेवाओं में रिक्तियां भरने, मुफ्त इलाज-परिक्षण-औषधि उपलब्ध कराने का भी वादा किया है।

घोषणापत्र में कहा गया, ‘‘हम बिहार में ऐसा कोई कानून लागू नहीं होने देंगे जो संविधान या संघीय ढांचे के विरुद्ध हो। यह संकल्प पत्र न्याय, समानता और लोकतंत्र पर आधारित बिहार के निर्माण की गारंटी है।’’

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव में भाकपा (माले) 20 सीट पर चुनाव लड़ेगी।

भाकपा (माले) महागठबंधन का हिस्सा है, जिसमें कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी), भाकपा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) शामिल हैं।

भाषा कैलाश जितेंद्र

जितेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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