नई दिल्ली: गरीबों के लिए केंद्र सरकार की कल्याणकारी नीतियों का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि आज एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि दिल्ली में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले कई नागरिकों के पास अब अपने घर होंगे.
प्रधानमंत्री ने बुधवार को दिल्ली के कालकाजी में ‘In-Situ Slum Rehabilitation’ प्रोजेक्ट (‘यथास्थान झुग्गी-झोपड़ी पुनर्वास परियोजना’) प्रोजेक्ट के तहत 3,024 नये बने ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स की चाबियां झुग्गी वालों को सौंपी. पीएम मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित भूमिहीन कैंप में ये चाबियां जरूरतमंद लभार्थियों को सौंपी.
कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज झुग्गी में रहने वालों के लिए बड़ा दिन है. उनकी जिंदगी की एक नई शुरुआत. जैसे ही चाबियां जरूरतमंदों को सौंपी मैं उनके चेहरे पर खुशियां देख सकता था.’
उन्होंने कहा कि दिल्ली के गरीब परिवारों को पक्के मकान उपलब्ध कराने के लिए अभियान शुरू किया गया है. अकेले कालकाजी एक्सटेंशन के पहले चरण में उन्होंने कहा कि 3,000 से अधिक घर बनाए गए हैं. बहुत जल्द वहां रहने वाले बाकी परिवारों को उनके नए घर मिल जाएंगे.
पीएम ने कहा कि जब हाशिए पर पड़े तबके के जीवन में सुरक्षा सुनिश्चित होती है, तो उन्हें खुद गरीबी से लड़ने के लिए काफी बढ़ावा मिलता है. वे पहले से कहीं अधिक सशक्त महसूस करते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यहां रहने वाले अन्य परिवारों को भी बहुत जल्द घर प्रवेश का मौका मिलेगा. मुझे विश्वास है कि केंद्र सरकार के ये प्रयास दिल्ली को एक आदर्श शहर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. हमारी सरकार विशेष रूप से शहरी गरीबों पर समान ध्यान दे रही है.’
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का लक्ष्य दिल्ली को आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक अद्भुत शहर बनाना है.
सभी के लिए आवास उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री की दृष्टि के अनुरूप दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा 376 झुग्गी झोपड़ी क्लस्टरों में यथास्थान झुग्गी-झोपड़ी पुनर्वास का कार्य किया जा रहा है. इस पुनर्वास परियोजना का उद्देश्य झुग्गी-झोपड़ी क्लस्टरों में रहने वालों को उचित सुख-साधनों एवं सुविधाओं से लैस बेहतर और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है.
डीडीए ने कालकाजी एक्सटेंशन, जेलरवाला बाग और कठपुतली कॉलोनी में ऐसी तीन परियोजनाएं शुरू की हैं. कालकाजी एक्सटेंशन परियोजना के अंतर्गत कालकाजी स्थित भूमिहीन कैंप, नवजीवन कैंप और जवाहर कैंप नामक तीन झुग्गी-झोपड़ी क्लस्टरों का यथास्थान पुनर्वास चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है.
भूमिहीन कैंप के पात्र परिवारों को नवनिर्मित ईडब्ल्यूएस फ्लैटों में पुनर्वासित करके भूमिहीन कैंप की झुग्गी-झोपड़ी वाली जगह को खाली किया जाएगा. भूमिहीन कैंप वाली जगह खाली कराने के बाद, इस जगह का उपयोग दूसरे चरण में नवजीवन कैंप और जवाहर कैंप के पुनर्वास के लिए किया जाएगा.
(एएनआई और भाषा के इनपुट्स के साथ)
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