नयी दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा) देश में डीजल जनरेटर (डीजी) सेटों से पीएम 2.5 का सबसे अधिक उत्सर्जन बेंगलुरु शहरी, मुंबई, पटना, गौतमबुद्ध नगर और उत्तर 24 परगना में दर्ज किया गया है। एक नए अध्ययन में यह जानकारी मिली है।
‘स्विच ऑन, स्मोक ऑफ: डीजल जेनरेटर सेट से उत्सर्जन में कमी’ शीर्षक वाली रिपोर्ट को बेंगलुरु स्थित थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर स्टडी ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड पॉलिसी’ (सीएसटीईपी) ने बुधवार को ‘इंडिया क्लीन एयर समिट 2025’ में जारी किया।
अध्ययन के अनुसार, 2022 में भारत में 14.7 लाख डीजी सेट चालू थे। इन मशीनों ने 42 गीगाग्राम (जीजी) पीएम 2.5, 23 गीगाग्राम ब्लैक कार्बन और 877 गीगाग्राम नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओएक्स) का योगदान दिया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के कई जिलों में उत्सर्जन विशेष रूप से अधिक है।
पीएम 2.5, यानी 2.5 माइक्रोमीटर से छोटे कण प्रमुख वायु प्रदूषक हैं जो श्वसन और हृदय संबंधी बीमारियों का कारण बनते हैं।
अध्ययन से पता चला है कि देश में डीजी सेटों से सबसे अधिक पीएम 2.5 उत्सर्जन बिहार के पटना, उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर, बेंगलुरु शहरी, मुंबई शहर, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना, राजस्थान के अजमेर, अलवर और जोधपुर, मध्य प्रदेश के भोपाल और महाराष्ट्र के ठाणे में दर्ज किया गया है।
अध्ययन में कहा गया है कि पुराने या खराब रखरखाव वाले डीजल इंजन अक्सर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा निर्धारित उत्सर्जन मानकों का उल्लंघन करते हैं और ‘सुपर-एमिटर’ के रूप में कार्य करते हैं।
भाषा नोमान नरेश
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