कोलकाता, 13 अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित सैकड़ों लोगों ने भागीरथी नदी पार कर मालदा में शरण ली है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
स्थानीय प्रशासन ने दंगा प्रभावित परिवारों के लिए आश्रय और भोजन की व्यवस्था की है तथा उन्हें स्कूलों में शरण दी है। साथ ही मुर्शिदाबाद से नावों से आने वालों की सहायता के लिए नदी तट पर स्वयंसेवकों को तैनात किया है।
मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले के सुती, धुलियान, जंगीपुर और शमशेरगंज समेत कई इलाकों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए, जो सांप्रदायिक हिंसा में बदल गये। इसके कारण प्रभावित लोगों का पलायन शुरू हो गया।
मीडिया में आई तस्वीरों में मुर्शिदाबाद के इन इलाकों में दुकानें, होटल और घर जलते हुए दिखाई दे रहे हैं।
अपने परिवार के चार अन्य सदस्यों के साथ मुर्शिदाबाद से पलायन करने वाली एक युवती ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘हम धुलियान के मंदिरपाड़ा इलाके से इसलिए भागे क्योंकि हमारे घरों में आग लगा दी गई थी। महिलाओं और लड़कियों के साथ बाहरी लोगों तथा कुछ स्थानीय लोगों के एक समूह ने छेड़छाड़ की थी।’’
महिला ने दावा किया, ‘‘उन्होंने बम फेंके, हमें वक्फ (संशोधन) अधिनियम के लिए दोषी ठहराया और हमें तुरंत अपने घर छोड़ने के लिए कहा। उन्होंने हमारे घर के पुरुषों को पीटा। हम अपनी जान को लेकर डरे हुए थे और केंद्रीय बलों की मदद से अपने घरों से भागे।’’
एक अन्य बुजुर्ग महिला ने कहा, ‘‘हमने हमलावरों से हाथ जोड़कर माफी मांगी, जबकि हमने कोई गलत काम नहीं किया था। हथियार लहराते हुए हमलावरों ने बहुत अत्याचार किए। मैं, मेरा बेटा, बहू और पोता अपना कुछ सामान लेकर भाग निकले। नहीं तो हम मारे जाते।’’
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि हिंसा के बाद धुलियान से 400 लोग पलायन करने को मजबूर हुए हैं।
भाषा शफीक रंजन
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