गुरुग्राम: चीन के हांगझू में चल रहे एशियाई खेलों में भारतीय पहलवानों के मैदान में उतरने से लगभग तीन दिन पहले, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को पुरस्कार विजेता पहलवान बजरंग पुनिया के टीम में चयन पर वस्तुतः सवाल उठाया और कहा कि जिन्हें ट्रायल के माध्यम से नहीं चुना गया वो टीम में शामिल होने के लायक नहीं हैं.
पुनिया को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई)द्वारा 65 किलोग्राम भार वर्ग में पुरुषों की फ्रीस्टाइल कुश्ती में टीम में सीधे प्रवेश दिया गया है.डब्ल्यूएफआई के इस फैसले ने हरियाणा में नाराजगी पैदा कर दी है, अखिल भारतीय कालीरमन खाप के पहलवान और कबीले के सदस्य, विशाल कालीरमन के समर्थन में आ गए हैं विशाल ने एशियाड के लिए हो रहे सभी ट्रायल में क्वालीफाई किया था, लेकिन पुनिया के चयन के कारण उन्हें स्टैंड-बाय पद पर रखा गया है.
पुनिया के चयन पर कटाक्ष करते हुए, हरियाणा के सीएम ने भी अब विशाल का समर्थन किया है.
रविवार को सोनीपत में मीडिया से बात करते हुए, खट्टर ने कहा कि विशाल एक “होनहार पहलवान” है, जिसने 65 किलोग्राम वर्ग में टीम के लिए क्वालीफाई करने के लिए एशियाई खेलों के ट्रायल के दौरान अपने सभी मैच जीते थे और इसलिए वह खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने का हकदार है.
खट्टर ने कहा, ”अगर जरूरत पड़ी तो हम एक समिति गठित करेंगे और चयन समिति से भी बात करेंगे.”
मुख्यमंत्री मौजूदा एशियाई खेलों में अब तक हरियाणा के खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर मीडिया को संबोधित कर रहे थे, जब उनसे पुनिया-विशाल विवाद और कालीरमन खाप द्वारा पुनिया को विशाल के साथ मुकाबला करने की दी गई चुनौती के बारे में सवाल किया गया. यदि वह स्वयं को भारत का प्रतिनिधित्व करने के योग्य समझता है तो उसे विशाल को हराना चाहिए.
खट्टर ने दावा किया कि हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में देश द्वारा जीते गए कुल पदकों में से लगभग एक-तिहाई पदक हरियाणा के खिलाड़ियों द्वारा लाए गए हैं.
विशाल के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री का समर्थन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के यह कहने के कुछ दिनों के भीतर आया है कि उन्हें “19वें एशियाई खेलों में भाग लेने के लिए चीन गई कुश्ती टीम से पदक की ज्यादा उम्मीद नहीं है.”
सिंह, जो महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के लिए आपराधिक कार्यवाही का सामना कर रहे हैं और जमानत पर बाहर हैं, ने अपर्याप्त तैयारी का हवाला देते हुए कहा था उन्हें डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष पद से हटाने और गिरफ्तारी की मांग के साथ पहलवान उनके खिलाफ महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं उनकी तैयारी न के बराबर है.
सिंह ने पिछले हफ्ते हरियाणा के रोहतक में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था, ”दिल्ली में कुछ पहलवानों के आंदोलन के कारण न तो कोई शिविर आयोजित हुआ और न ही राष्ट्रीय स्तर पर कोई प्रतियोगिता संभव हो सकी.”
पुनिया और विनेश फोगाट, दोनों को एशियाई खेलों की टीम में सीधे प्रवेश मिला था, सिंह के खिलाफ विरोध का नेतृत्व करने वालों में ये भी शामिल थीं .
जबकि फोगाट बाद में चैंपियनशिप से हट गईं, पुनिया ने कालीरमन खाप द्वारा दी गई चुनौती का जवाब देते हुए कहा कि वह विशाल से लड़ने के लिए तैयार थे, लेकिन एशियाई खेलों के बाद ऐसा करेंगे.
इस पर टिप्पणी करते हुए, सिंह ने कहा, “अब, वह (पुनिया) कहते हैं कि वह एशियाई खेलों से लौटने के बाद विशाल के समर्थकों द्वारा दी गई चुनौती स्वीकार करेंगे. खेल ख़त्म होने के बाद उसे पैसे कौन देगा? अगर उन्हें अपनी ताकत पर भरोसा था, तो उन्हें हांगझू जाने से पहले चुनौती स्वीकार करनी चाहिए थी.
हांगझू में चल रहे एशियाई खेल 23 सितंबर को शुरू हुए और 8 अक्टूबर तक चलने वाले हैं. कुश्ती प्रतियोगिताएं 4 अक्टूबर से शुरू होनी हैं.
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पुनिया-विशाल विवाद
हरियाणा के हिसार जिले के सिसाय गांव के 23 वर्षीय पहलवान विशाल ने 65 किलोग्राम भार वर्ग में पुरुषों की फ्रीस्टाइल कुश्ती के लिए एशियाई खेलों का जुलाई में ट्रायल जीता था.
अतीत में कालीरमण गोत्र से आने वाले महान पहलवान मास्टर चंदगी राम भी सिसाय से आते हैं.
हालांकि, चयन समिति ने विशाल को स्टैंड-बाय पद पर रखकर पुनिया को इस श्रेणी में सीधे प्रवेश दिया.
समिति ने पुरस्कार विजेता पहलवान विनेश फोगाट को महिलाओं के 53 किलोग्राम वर्ग में सीधे प्रवेश दिया था, जिससे अंतिम पंघाल को स्टैंड-बाय स्थान पर धकेल दिया गया था, जिन्होंने उस वर्ग में ट्रायल जीता था.
यह निर्णय कथित तौर पर राष्ट्रीय मुख्य प्रशिक्षकों की सहमति के बिना लिया गया था.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जबकि डब्ल्यूएफआई दिशानिर्देश सभी भार श्रेणियों में अनिवार्य ट्रायल के लिए कहते हैं, चयन समिति के पास मुख्य प्रशिक्षकों या विदेशी विशेषज्ञों की सिफारिश के आधार पर बिना ट्रायल के ओलंपिक या विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेताओं का विवेकाधीन चयन करने की शक्ति है. हालांकि, पुनिया या फोगाट के मामले में कथित तौर पर ऐसी कोई सिफारिश नहीं की गई थी, हालांकि वे पदक विजेताओं के मानदंडों को पूरा करते हैं.
कालीरामन खाप ने दावा किया है कि जब किसी खिलाड़ी को किसी भी वर्ग में सीधे प्रवेश दिया जाता है तो उसके लिए ट्रायल नहीं लिया जाता है. लेकिन इस मामले में ट्रायल हुआ और विशाल क्वालिफाई हो गए, लेकिन उनकी जगह पुनिया को देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया.
जहां फोगाट ने चोट का हवाला देते हुए चैंपियनशिप से नाम वापस ले लिया है, वहीं कालीरमन खाप ने अपना पूरा समर्थन विशाल के पीछे डाल दिया है. पुनिया को पीछे हटने के लिए मनाने के लिए खाप ने अन्य खाप पंचायतों के साथ कई बैठकें कीं.
जब इसका कोई नतीजा नहीं निकला, तो कालीरामन खाप ने पुनिया को विशाल को हराने की चुनौती दी, अगर वह खुद को विशाल से बेहतर पहलवान मानता है.
जबकि शुरुआत में, विजेता के लिए घोषित पुरस्कारों में 27 लाख नकद, एक कार और एक भैंस, तब से राशि बढ़ गई है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर चुनौती का जवाब देते हुए पुनिया ने कहा कि एशियाई खेलों से लौटने के बाद ही विशाल से ये प्रतियोगिता कर सकेंगे.
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