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Friday, 22 November, 2024
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‘कांग्रेस की कठपुतली’- बबीता फोगाट ने साक्षी मलिक के दावे को बताया गलत

साक्षी मलिक ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर बबीता फोगाट पर आरोप लगाया कि वह पहलवानों का इस्तेमाल अपने स्वार्थ के लिए कर रही हैं और उनके विरोध को कमजोर कर रही हैं.

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नई दिल्ली: ओलंपियन पहलवान और भाजपा नेता बबीता फोगाट ने शनिवार को पोस्ट किए गए पहलवान साक्षी मलिक के वीडियो पर अपने ट्विटर हैंडल पर एक बयान जारी कर उन्हें “कांग्रेस की कठपुतली” कहा.

शनिवार को पोस्ट किए गए वीडियो में, साक्षी मलिक और उनके पति पहलवान सत्यव्रत कादियान ने पहलवानों के विरोध का समर्थन करने और विरोध करने वाले पहलवानों और केंद्र सरकार के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करने के लिए बबीता फोगाट को धन्यवाद दिया. बबीता फोगाट ने एक ट्वीट में साक्षी मलिक और उनके पति द्वारा किए गए दावों का खंडन किया.

बबीता ने ट्वीट करते हुए कहा, “एक कहावत है कि, ज़िंदगी भर के लिये आपके माथे पर कलंक की निशानी पड़ जाए. बात ऐसी ना कहो दोस्त की कह के फिर छिपानी पड़ जाएं.”

“मुझे कल बड़ा दुःख भी हुआ और हंसी भी आई जब मैं अपनी छोटी बहन और उनके पतिदेव का वीडियो देख रही थी, सबसे पहले तो मैं ये स्पष्ट कर दूं की जो अनुमति का काग़ज़ छोटी बहन दिखा रही थी उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरी सहमति का कोई प्रमाण नहीं है और ना ही दूर-दूर तक इससे मेरा कोई लेना देना है.”

उन्होंने आगे कहा, “मैं पहले दिन से कहती रही हूं कि माननीय प्रधानमंत्री जी पर एवं देश की न्याय व्यवस्था पर विश्वास रखिए, सत्य अवश्य सामने आएगा. एक महिला खिलाड़ी होने के नाते मैं सदैव देश के सभी खिलाड़ियों के साथ थी, साथ हूं और सदैव साथ रहूंगी परंतु मैं धरने -प्रदर्शन के शुरुआत से इस चीज़ के पक्ष में नहीं थीं. मैंने बार-बार सभी पहलवानों से ये कहा कि आप माननीय प्रधानमंत्री या गृहमंत्री जी से मिलो समाधान वहीं से होगा , लेकिन आपको समाधान दीपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस और प्रियंका गांधी उसके साथ आ रहे उन लोगों द्वारा दिख रहा था.”

आगे कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए बोलीं, जो खुद बलात्कारी एवं अन्य मुक़दमे के दोषी है लेकिन देश की जनता अब इन विपक्ष के चेहरों को पहचान चुकी है अब देश के सामने आकर उन्हें उन सभी जवानों, किसानों और उन महिला पहलवानों की बातों का जवाब देना चाहिए जिनकी भावनाओं की आग में इन्होंने अपनी राजनीति की रोटी सेकने का काम किया.

उन्होंने आगे कहा, “जो महिला खिलाड़ी धरने पर साथ बैठे थे उनके विचारों को सभी पूर्वाग्रहों के साथ ऐसी दिशा दी जहां बस आपके राजनीतिक फायदे दिख रहे थे. आज जब आपका ये वीडियो सबके सामने है उससे अब देश की जनता को समझ में आ जाएगा की नए संसद भवन के उद्घाटन के पवित्र दिन आपका विरोध और राष्ट्र के लिए जीता हुआ मेडल गंगा में प्रवाहित करने की बात कितना देश को शर्मसार करने जैसा था.”

“बहन हो सकता है आप बादाम के आटे की रोटी खाते हों लेकिन गेहूं की तो मैं ओर मेरे देश की जनता भी खाती ही है , सब समझते हैं.”

आगे बोलीं, देश की जनता समझ चुकी है कि आप “कांग्रेस के हाथ की कठपुतली बन चुकी हो”. अब समय आ गया है कि आपको आपकी वास्तविक मंशा बता देनी चाहिए क्योंकि अब जनता आपसे सवाल पूछ रही है.

‘बबीता ने हमारे विरोध को कमजोर करने का प्रयास किया’

इसके कुछ मिनट बाद ही साक्षी मलिक ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर बबीता फोगाट पर आरोप लगाया कि वह पहलवानों का इस्तेमाल अपने स्वार्थ के लिए कर रही हैं और उनके विरोध को कमजोर कर रही हैं.

साक्षी और उनके पति सत्यव्रत कादियान ने शनिवार को भी वीडियो पोस्ट करके आरोप लगाया था कि बबीता और भाजपा के एक अन्य नेता तीरथ राणा ने शुरुआत में पहलवानों के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की स्वीकृति ली थी, लेकिन बाद में उन्हें सलाह देने लगे कि इस मंच का इस्तेमाल राजनीति पार्टियों द्वारा राजनीतिक उद्देश्य से नहीं होना चाहिए.

साक्षी, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सहित देश के शीर्ष पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के वर्तमान अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न और डराने-धमकाने का आरोप लगाया है और उसे गिरफ्तार करने की मांग की है.

कादियान और साक्षी ने एक पत्र भी दिखाया जिसमें कथित तौर पर दिखाया गया है कि बबीता और राणा ने जंतर-मंतर पुलिस थाने से पहलवानों के धरने की स्वीकृति ली थी.

साक्षी ने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘वीडियो (शनिवार को) में हमने तीरथ राणा और बबीता फोगाट पर तंज कसा था कि कैसे वे अपने स्वार्थ के लिए पहलवानों को इस्तेमाल करना चाह रहे थे और कैसे पहलवानों पर जब विपदा पड़ी तो वे जाकर सरकार की गोद में बैठ गए.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम मुसीबत में ज़रूर हैं लेकिन हास्यबोध इतना कमजोर नहीं हो जाना चाहिए कि ताकतवर को काटी चुटकी पर आप हंस भी न पाएं.’’

बृजभूषण के खिलाफ विरोध की अगुवाई कर रहे तीन शीर्ष पहलवानों में से एक विनेश ने भी अप्रैल में अपनी चचेरी बहन से आग्रह किया था कि वह सोशल मीडिया पर विरोधाभासी बयान जारी करके ‘हमारे अभियान को कमजोर’ नहीं करे.

हैवीवेट पहलवान कादियान ने शनिवार को कहा था कि उनका आंदोलन राजनीति से प्रेरित नहीं है और सरकार के खिलाफ नहीं है.

उन्होंने कहा था, ‘‘हम पिछले कई महीनों से डब्ल्यूएफआई के वर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि उसने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न किया है.’’

कादियान ने कहा, ‘‘जनता के बीच इस तरह का माहौल तैयार किया गया कि हमारा आंदोलन राजनीति से प्रेरित है. मैं आपको स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है. हम जनवरी में जंतर-मंतर पर धरना स्थल पर आए और पुलिस से इजाजत भाजपा के दो नेताओं ने ली थी. हमारे पास जंतर-मंतर पुलिस थाने से स्वीकृति लेने का सबूत है. यह भाजपा नेताओं तीरथ राणा और बबीता फोगाट ने ली थी.’’


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