भगवान राम की नगरी अयोध्या का कायाकल्प किया जा रहा है. बुनियादी जरूरतों को सुविधाजनक बनाने की कोशिश में सड़कें चौड़ी करने काम जारी है. अधिग्रहण के बाद दुकानों और इमारतों को ढ़हाकर उन्हें छोटा करने का काम तेजी से जारी हैं. उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी तोड़फोड़ की कार्रवाई का सड़क पर कोई विरोध नहीं है और प्रभावित लोग मुआवजे की किश्त पाकर संतुष्ट नजर आ रहे हैं.
पुराने फैजाबाद से लेकर अयोध्या तक के मुख्य मार्ग पर सड़क चौड़ा करने के लिये तोड़फोड़ का पचास फीसदी से ज्यादा का काम पूरा हो चुका है और इस काम के शुरू होने के बाद अयोध्या के राजा राम की नगरी का एक नया पहलू उभर रहा है जिसमें उनके राज्य की विस्तृत झलक देखी जा सकती है.
तेजी से हो रहा है राम पथ का निर्माण
तोड़फोड़ की कार्रवाई के बाद की तस्वीर देखकर सहज अंदाज लगाया जा सकता है कि दुकानें और इमारतें इस धर्म नगरी की ऐतिहासिक धरोहरों की चारदीवारी पर कब्जा करके अनाधिकृत रूप से बनाई गई हैं. इस जगह पर पहले अत्यंत खूबसूरत महल, हवेलियां और मंदिरों के अहाते थे और चारों ओर खुला मैदान या चारदीवारी थी.
इन प्राचीन धरोहरों के अगल बगल से आने-जाने का रास्ता था और गनीमत है कि इनको नुकसान पहुंचाए बगैर इनके चारों ओर खाली पड़ी जमीन पर कब्जा किया गया और फिर तीन से चार मंजिली इमारतें खड़ी कर दी गईं. नतीजा यह हुआ कि नये निर्माण से प्राचीन इमारतें पूरी तरह से ढ़क गईं जो अब तोड़फोड़ के बाद दिखाई देने लगी हैं.
स्थानीय लोगों के अनुसार आजादी से पहले अयोध्या और फैजाबाद के बीच लगभग 11 किलोमीटर का फासला नहीं दिखता था. दोनों नगर के बीच बडे़ फासले पर मंदिर, महल और हवेलियां दिखती थीं. लेकिन गुजरते वक्त के साथ इन प्राचीन इमारतों पर कब्जे होते चले गये और अब तो कहीं कुछ खाली नहीं दिखाई देता है. अवैध कब्जे के कारण सड़कें तंग गलियों में तब्दील हो गई हैं जिसके कारण खुद स्थानीय लोगों को आने जाने हर रोज परेशानी का सामना करना पड़ता है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के कारण बुलडोजर बाबा के नाम से जाने जाने लगे हैं. जहां कहीं भी उनका बुलडोजर चलता है वहां उनके लोकप्रिय फैसले की आवाज पहले ही बुलंद हो जाती है और विरोध के स्वर मंद पड़ जाते हैं. ऐसा ही कुछ अयोध्या में देखा जा सकता है.
अयोध्यावासी राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण में तेजी को लेकर प्रसन्न हैं और वे खुद इस धार्मिक नगरी को विश्व स्तरीय बनाने के लिए सहयोग कर रहे हैं. उन्हें भरोसा है कि प्रशासन ने मुआवजा देने का जो भरोसा दिया है वह जरूर पूरा होगा. किराए की दुकान चला रहे 73 वर्षीय राजा मानसिंह ने बताया कि उनकी तीन दुकानें टूटी हैं और हर दुकान के लिये निर्धारित मुआवजे के एवज में एक-एक लाख रूपये मिल चुके हैं. शासन ने उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था के तहत दुकानें देने का वादा किया है.
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दुकानदार मुश्किलों में कर रहे हैं गुजारा
मानसिंह के चेहरे पर संतोष और चिंता दोनों की झलक दिख रही थी. उनकी तबियत नासाज थी और डॉक्टर को दिखाने के बाद वह दवा लेकर उसी राह से लौट रहे थे जहां बुलडोजर अपने निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिये तोड़फोड़ में जुटे थे. नई दुकान मिलने तक की चिंता मान सिंह के चेहरे साफ झलक रही थी और उन्होंने बताया कि फिलहाल जहां उनकी दुकानें टूटी हैं वहां वे उसके आगे चौकी लगाकर दुकानदारी का काम चला रहे हैं.”
उन्होंने बताया कि जिनकी अपनी दुकानें हैं उनके लिए सब कुछ अच्छा है लेकिन जो किराए पर दुकानदारी कर रहे थे उनके लिये नई दुकान परेशानी का सबब बन सकती है. वजह यह है कि किराए पर दुकान लेने के लिए पगड़ी देनी पड़ती है. ऐसे में नई दुकान के लिये पगड़ी देनी पडे़गी लेकिन धंधापानी के लिये यह सब करना ही पड़ेगा. इसके अलावा कोई चारा नहीं है. लेकिन जो कुछ हो रहा है उससे आगे सबको फायदा होगा.
नया घाट से थोड़ा आगे बढ़ते ही मलबे के ढेर के बगल में बैठी हेमा मिश्रा ने बताया कि उनके घर का मंदिर अधिग्रहण की जद में आ गया और जिसे तोड़ना पड़ा और उसके एवज में उन्हें 15 लाख रूपये मिलेंगे. अभी यह राशि मिली नहीं है लेकिन जल्द मिलने का भरोसा दिलाया गया है.
थोड़ा आगे बढ़ने पर तुलसी उद्यान के एक छोर पर चौकी लगाकर अपना सामान बेच रहे प्रदीप गुप्ता ने बताया कि उनकी दुकान अधिग्रहण के जद में आ गई. उन्हें एक लाख रुपये मुआवजे के रूप में मिले हैं और वह नई दुकान मिलने के इंतजार में हैं. उसने बताया कि अब पहलेवाली दुकानदारी नहीं रह गई है लेकिन गुजारा करने के लिये वही करना पडे़गा जो पहले से करते आये हैं.
मंकरसंक्रांति के बाद सूर्य उत्तरायण हो चुका है और धीरे धीरे उसकी तपन चुभने लगी है. अयोध्या भी इससे अछूता नहीं है और तपती दुपहरी के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ छंटने लगी है. पटरी पर दुकानदारी करने को मजबूर दुकानदारों के लिये नये अयोध्या का सपना साकार होने तक तपस्या का नया दौर शुरू हो चुका है.
अयोध्या में जहां एक ओर राम मंदिर निर्माण कार्य प्रगति पर है वहीं सड़कों के चौड़ीकरण को लेकर शासन-प्रशासन बेहद गंभीर है. शहर के अंदर का प्रमुख मार्ग सहादतगंज से नया घाट वाया सिविल लाइंस, रिकाबगंज, चौक, साकेत कॉलेज मार्ग के चौड़ीकरण की बाधाएं दूर की जा रही हैं. इसमें दुकानों की शिफ्टिंग, सड़कों का निर्माण, अधिग्रहण करने वाले स्थान का मुआवजा देने समेत बिजली के खंभों को नये सिरे से लगाने का काम शामिल है. तेरह किलोमीटर के दायरे में लगभग 23 सौ से अधिक दुकानें प्रभावित हो रहीं हैं. प्रभावित लोगों को मुआवजा और विस्थापित लोगों को दुकान के आवंटन पत्र दिए जा रहे हैं.
कुछ ऐसी होंगी अयोध्या की सड़कें
अयोध्या में जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ और राम पथ का निर्माण का कार्य जनवरी से प्रारंभ हो गया था और 31 दिसम्बर 2023 तक सड़क चौड़ीकरण का कार्य पूरा करने लक्ष्य तय किया गया है.
स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता अनिल मिश्र ने बताया कि नया घाट से सहादतगंज रोड चौड़ीकरण होना है जिसके अंतर्गत आने वाले अवैध मकानों पर कार्यवाई शुरू कर दी गई है. साथ ही उन लोगों को मुआवजा देकर जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है और सड़क के चौड़ीकरण का काम शुरू हो चुका है जो राम पथ के नाम जाना जायेगा.
रामपथ की लम्बाई 12.940 किलोमीटर होगी जिसका प्रस्तावित चौड़ीकरण 30 मीटर व 41 मीटर तथा 24 मीटर होगा. इसके निर्माण पर 624.59 करोड़ रूपये की लागत आने का अनुमान है. राम पथ के निर्माण के लिये अधिग्रहण की जद में आनेवाले दुकानदारों और भूस्वामियों को कुल एक अरब नब्बे करोड़ का भुगतान किया जायेगा.
स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार रामपथ के बाद मंडलायुक्त गौरव दयाल के एजेंडे में 14 कोसी व पंचकोसी परिक्रमा मार्ग का चौड़ीकरण आ गया है. अयोध्या विजन की समीक्षा बैठक में मंडलायुक्त ने अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित सिंह एवं लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता एस पी भारती से चौदह कोसी व पंचकोसी परिक्रमा मार्ग की अग्रिम कार्ययोजना एवं सर्वे आदि की रूपरेखा के बारे में जानकारी हासिल की.
उनका निर्देश है कि जिस तरह से रामपथ के लिए लोक निर्माण विभाग एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीम का चार्ट जैसे जारी किया गया था उसी प्रकार चौदह कोसी व पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के लिए भी जारी किया जाए. चौड़ीकरण से प्रभावित सभी भूस्वामियों का मूल्यांकन युद्धस्तर पर ड्यूटी लगा कर करने के साथ प्रतिदिन इसकी समीक्षा हो.
मंडलायुक्त ने कहा, रामपथ (सहादतगंज से नयाघाट तक) में जहां पर चौराहे हैं वहां पर अधिक भूमि की आवश्यकता होगी जिसके लिए पहले से ही भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाएं. मंडलायुक्त ने निर्माणाधीन जन्मभूमि पथ (सुग्रीव किला से रामजन्मभूमि मंदिर) की समीक्षा करते हुए कहा कि इसकी गुणवत्ता पा भी विशेष ध्यान दिया जाए. बिना विशेषज्ञ डिजाइनर के कोई भी पत्थर आदि न लगाया जाए. जन्मभूमि पथ एक समान दिखने के लिए पत्थर के पैटर्न आदि के संबंध में गहन चर्चा की गई है.
बैठक में आर्किटेक्ट के स्तर से पथ में लगने वाले पत्थरों के पैटर्न आदि के संबंध में प्रस्तुतीकरण किया गया. अयोध्या विकास प्राधिकरण ने अयोध्या के विभिन्न मठ मंदिरों आदि में फसाड लाइटिंग आदि के बारे में जानकारी दी. मंडलायुक्त ने कार्यदायी संस्था, लोक निर्माण विभाग, धर्मार्थ कार्य, नगर निगम, नगर विकास, जलनिगम, एयरपोर्ट, पावर कारपोरेशन आदि विभागों के कामकाज की समीक्षा की.
रामपथ के चौड़ीकरण में कई पुराने मंदिर और धार्मिक महत्व के भवन अतिक्रमण की जद से उबर रहे हैं. विशाल और भव्य मंदिरों की श्रृंखला के बीच नया घाट स्थित फूलपुर मंदिर मनोहारी वास्तु और शिल्प के लिए जाना जाता है. चौड़ीकरण के कार्य में सहयोग कर रहे इस मंदिर के प्रबंधक मंदिर के अग्रभाग को फिर से नया कलेवर देने के लिये युद्धस्तर पर प्रयास कर रहे हैं.
प्रमोदवन तिराहा स्थित भूड़ रियासत का मंदिर जर्जर होने के बावजूद भव्यता के लिए जाना जाता रहा है और अब इसकी चारदीवारी कब्जे से मुक्त हो रही है. नरहन रियासत का मंदिर, शीशमहल, वशिष्ठभवन भी उन प्रमुख मंदिरों की सूची में हैं जिनका अग्रभाग चौड़ीकरण की जद में आ चुका है.
ढाई दशक पूर्व वशिष्ठभवन का नवीनीकरण मंदिर आंदोलन के अग्रणी नेता व पूर्व सांसद डॉ. रामविलासदास वेदांती ने पूरी भव्यता से कराया था और अब उसका अग्रभाग ध्वस्त हो रहा है. डॉ. वेदांती और उनके शिष्य तथा वशिष्ठभवन के वर्तमान महंत डॉ. राघवेशदास को चौड़ीकरण से कोई शिकायत नहीं है और वह रामपथ के चौड़ीकरण का स्वागत कर रहे हैं.
समाजवादी पार्टी सरकार में राज्यमंत्री व अयोध्या के पूर्व विधायक तेज नारायण उर्फ पवन पांडे ने व्यापारियों पर तंज कस्ते हुए निशाना साधा था कि अयोध्या की धरती पर हमारे व्यापारी बंधु नारा लगाते थे, नून रोटी खाएंगे, बुलडोजर बाबा को लाएंगे, नून रोटी खाएंगे, योगी जी की सरकार बनाएंगे, भाजपा की सरकार बनी और योगी जी जिस दिन मुख्यमंत्री बने लोगों ने बुलडोजर को दुल्हन की तरह सजाया और उस पर डांस किया था.
विपक्षी दल के विरोध के स्वर भी बयानबाजी तक सीमित हैं. दरअसल अयोध्या नगरी के कायाकल्प को लेकर स्थानीय लोग उत्साहित नजर आ रहे हैं. यही नहीं सड़कों के चौड़ीकरण के कारण मलबे के ढेर के बगल में बैठे लोग मुआवजे की राशि से नये सिरे से जीवन यापन के तौर तरीके पर गौर कर रहे हैं.
(लेखक अशोक उपाध्याय यूनीवार्ता के संपादक एवं भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य रहे हैं. वह @aupadhyay24 पर ट्वीट करते हैं . व्यक्त विचार निजी हैं)
(संपादन: आशा शाह )
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