नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) ने बुधवार को न्यूनतम सुरक्षा और गुणवत्ता आवश्यकताओं को सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन प्रमाणन योजना (डीसीएस) अधिसूचित की, क्योंकि इससे स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
एमओसीए ने ट्विटर पर कहा, ‘उदारीकृत ड्रोन नियमावली, 2021 के नियम सात के तहत 26 जनवरी, 2022 को अधिसूचित ‘ड्रोन प्रमाणन योजना’ ड्रोन के सरल, त्वरित और श्रेणी संबंधी पारदर्शी प्रमाणन में मदद करेगी।’
मंत्रालय ने कहा है कि उदारीकृत ड्रोन नियमों के साथ हवाई क्षेत्र के नक्शे, पीएलआई (उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन) योजना और सिंगल विंडो डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म भारत में ड्रोन निर्माण उद्योग को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
ट्विटर में कहा गया है, ‘2030 तक भारत को दुनिया का ड्रोन हब बनाने की दिशा में एक और कदम।’
मंत्रालय ने गत वर्ष 16 सितम्बर को ड्रोन और इसके पुर्जों के लिए पीएलआई योजना मंजूर की थी, जिसके तहत तीन वित्तीय वर्षों में 120 करोड़ रुपये आवंटित किया जाना है।
मंत्रालय ने उल्लेख किया कि बुधवार को अधिसूचित ड्रोन प्रमाणन योजना में प्रमाणन मानक स्वदेशी ड्रोन निर्माताओं, असेंबल करने वालों के साथ-साथ आयातकों पर भी लागू होगा।
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सुरेश नरेश उमा
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