नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) भगवान शिव, भगवान विष्णु और जैन परंपरा आदि से संबद्ध 29 कलाकृतियों को ऑस्ट्रेलिया ने भारत को लौटा दिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें लौटाने के लिए अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन का आभार जताया। सरकार ने सोमवार को यह जानकारी दी।
मोदी ने इन कलाकृतियां का निरीक्षण भी किया जो अलग-अलग समयावधि की हैं, जिसमें से कुछ तो 9-10वीं शताब्दी की हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष मॉरिसन के साथ ऑनलाइन वार्ता की और इन कलाकृतियों को लौटाने के लिए मॉरिसन का धन्यवाद किया
प्रधानमंत्री कार्यालय ने मोदी के हवाले से ट्वीट किया, “ प्राचीन भारतीय कलाकृतियों को लौटाने की पहल के लिए मैं आप को विशेष रूप से धन्यवाद देना चाहता हूं।” उन्होंने कहा, “इनमें राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गुजरात, हिमाचल प्रदेश के साथ कई अन्य भारतीय राज्यों से अवैध तरीकों से निकाली गयी सैकड़ों वर्ष पुरानी मूर्तियां और चित्र हैं।”
पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने ट्विटर पर बताया कि ये कलाकृतियां छह श्रेणियों, ‘शिव तथा उनके शिष्यों’, ‘शक्ति की पूजा’, ‘भगवान विष्णु तथा उनके रूप’, जैन परंपरा, चित्र और सजावटी वस्तुओं से संबंधित हैं।
ये प्राचीन वस्तुएं राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल की हैं।
सूत्रों ने बताया कि ये मुख्य रूप से विभिन्न प्रकार की सामग्रियों जैसे बलुआ पत्थर, संगमरमर, कांस्य, पीतल से बनी मूर्तियां और कागज पर बनी चित्रकारी (पेंटिंग) हैं।
वहीं, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने बताया कि 2014 से अब तक 228 कलाकृतियां भारत को लौटाई जा चुकी हैं।
एएसआई ने एक ट्वीट किया, ‘‘ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को ऑस्ट्रेलिया से 29 कलाकृतियां मिली हैं। 1976 से 2013 के बीच कुल 13 कलाकृतियां लौटाई गई थी। 2014 से लेकर अब तक कुल 228 कलाकृतियां लौटाई गई हैं।’’
एक सरकारी बयान में बताया गया है कि इन प्राचीन वस्तुओं में जैन तीर्थंकर के साथ-साथ महिषासुरमर्दिनी, लक्ष्मी नारायण की कांसे की मूर्तियां, चंडीकेश्वर, कुछ चित्र तथा अन्य प्राचीन वस्तुएं शामिल हैं।
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नोमान नरेश
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