scorecardresearch
Thursday, 14 November, 2024
होमदेशकालजयी रचनाओं को पाठकों तक पहुंचाने में ऑडियोबुक अहम : रस्किन बॉन्ड

कालजयी रचनाओं को पाठकों तक पहुंचाने में ऑडियोबुक अहम : रस्किन बॉन्ड

Text Size:

भुवनेश्वर, 13 मार्च (भाषा) यहां एक साहित्य महोत्सव में जुटे कई लेखक इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि कालजयी रचनाओं को ऑडियोबुक या पॉडकास्ट के रूप में लाने से कई लोग इन्हें जानेंगे और कई के लिए साहित्य के नए द्वारा खुलेंगे।

रेडियो के साथ बड़े हुए प्रख्यात लेखक रस्किन बॉन्ड ने कहा कि यह निर्भर करता है कि ऑडियोबुक में सुनाई देने वाली आवाज श्रोताओं की कल्पना को कितनी उत्तेजित करती है और पात्रों को कितना जीवंत करती है।

वह आमतौर पर ऑडियोबुक नहीं सुनते लेकिन उनका मजबूती से मानना है कि यह प्रौद्योगिकी कहानी को बेहतर समझने और वृहद पैमाने पर श्रोताओं तक पहुंचने में मददगार है।

यहां आयोजित तीन दिवसीय छठे ‘टाटा स्टील भुवनेश्वर साहित्य सम्मेलन’ में डिजिटल रूप से शामिल हुए बॉन्ड ने कहा, ‘‘कई बार बच्चे कहानी को सुनना पसंद करते हैं बजाय कि खुद उन्हें पढ़ने के।’’

वह ‘‘ एम आई ऑडिबल? द राइज ऑफ पॉडकास्ट, रेडियो एंड ऑडियोबुक’’ विषय पर पत्रकार संदीप रॉय और रेडियो चोकल्ते 104 एफएम की निदेशक तान्या पटनायक से संवाद कर रहे थे।

ऑडियोबुक मूल रूप से पुस्तकों की रिकॉर्डिंग है जो ऑलाइन उपलबध हैं और भारत सहित पूरी दुनिया में इनकी लोकप्रियता बढ़ रही है।

बॉन्ड ने रेखांकित किया कि कई बार क्लासिक किताबों को पढ़ना थोड़ा परेशान करने वाला और मुश्किल होता है।

उन्होंने कहा, ‘‘कई बार हम क्लासिक किताबों को उनकी पृष्ठों की संख्या, भाषा, उदाहरण के लिए विक्टोरिया कालीन अंग्रेजी की वजह से चुनने में संकोच करते हैं।’’

बॉन्ड ने कहा कि ऐसे में ऑडियोबुक पहुंच को आसान बना देती हैं।

भाषा धीरज प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments