जयपुर, 11 फरवरी (भाषा) राजस्थान के नागौर जिले के डीडवाना थाना क्षेत्र में घर से लापता एक 35 वर्षीय महिला छह दिन बाद सूखे तालाब के पास सदिंग्ध अवस्था में घायल मिली। पुलिस के अनुसार दो लोगों ने एक 35 वर्षीय महिला से कथित तौर पर दुष्कर्म किया और गत 4 फरवरी की रात उसका गला घोंटने के बाद एक सूखे तालाब के पास फेंक दिया।
पुलिस ने बताया कि महिला बृहस्पतिवार को तालाब के पास घायल अवस्था में जीवित पाई गई। यह भी बताया कि इस मामले में लापरवाही बरतने पर दरोगा और एक हेड कांस्टेबल को निलंबित किया गया है। नागौर पुलिस अधीक्षक राम मूर्ति जोशी ने इस मामले में पुलिस के सर्किल अधिकारी को जांच के निर्देश दिये जिसके तुरंत बाद आरोपी सुरेश मेघवाल को हिरासत मे लेकर पूछताछ की गई।
घायल महिला को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे जयपुर के सवाई मान सिंह चिकित्सालय भेजा गया। महिला का जयपुर के सवाईमान सिंह चिकित्सालय में उपचार किया जा रहा है।
स्थानीय पुलिस की लापरवाही सामने आने के बाद पुलिस अधीक्षक ने डीडवाना थानाधिकारी नरेंद्र जाखड़ और एक हेड कांस्टेबल प्रहलाद सिंह को बृहस्पतिवार रात को निलंबित कर दिया और आरोपी सुरेश मेघवाल को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि ‘‘महिला गत चार फरवरी की शाम से लापता थी और उसके परिजनों ने डीडवाना थाने में छह फरवरी को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। परिजनों ने स्थानीय व्यक्ति सुरुश मेघवाल पर संदेंह जताया था।’’
जोशी ने कहा कि ‘‘स्थानीय पुलिस ने महिला को तलाश करने में कोई प्रयास नहीं किया। 6 फरवरी से 9 फरवरी के दौरान महिला की ना तो कॉल डिटेल्स रिकार्डस की जांच की गई ना ही उसे तलाश किया गया। जब सर्किल अधिकारी को निर्देशित किया गया तब उन्होंने आरोपी को हिरासत में लिया।’’
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों के खिलाफ बृहस्पतिवार को एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं के साथ अपहरण और हत्या के प्रयास का आपराधिक मामला दर्ज किया गया। वहीं शुक्रवार को महिला की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर सामूहिक दुष्कर्म की धारा को भी शामिल किया गया।
भाषा कुंज संतोष
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