नयी दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा) दिल्ली पुलिस मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जन सुनवाई कार्यक्रम के दौरान हुए हमले की हर पहलू से जांच कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि जांचकर्ता आरोपी की राजधानी आने से लेकर मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय तक पहुंचने की हर गतिविधि का पता लगाएंगे।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि खुफिया ब्यूरो समेत केंद्रीय एजेंसियां भी जांच में दिल्ली पुलिस की मदद कर रही हैं।
आरोपी की पहचान राजकोट (गुजरात) निवासी 41 वर्षीय राजेशभाई खीमजी के रूप में हुई है। उसे सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान उन पर (गुप्ता पर) हमले के बाद बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। उस पर हत्या के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि आरोपी की पृष्ठभूमि, उसकी गतिविधियों और हमले के संभावित कारणों की जानकारी जुटाने के लिए पुलिस उसे उसके गृहनगर गुजरात भी ले जा सकती है।
एक सूत्र ने कहा, ‘‘दिल्ली आने के लिए ट्रेन पकड़ने से लेकर मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय पहुंचने तक का हर कदम खंगाला जाएगा। वह शहर में जहां कहीं से गुजरा वहां लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की जाएगी। जहां वह ठहरा और जिन लोगों से मिला, उनकी भी जानकारी एकत्र की जा रही है।’’
फॉरेंसिक टीम आरोपी के मोबाइल फोन की जांच करेगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उसने डिजिटल सबूत मिटाने की कोशिश की थी।
सूत्र ने कहा, ‘डिलीट किए गए फोटो, वीडियो, कॉल रिकॉर्ड या पूर्व साजिश की ओर इशारा करने वाले किसी भी अन्य डेटा को पुनः प्राप्त किया जाएगा और उसका विश्लेषण किया जाएगा।’
जांचकर्ताओं ने यह भी पाया कि आरोपी ने इस साल की शुरुआत में राजकोट में आवारा पशुओं के समर्थन में प्रदर्शन किया था। पुलिस यह पता लगा रही है कि उसके अतीत का बुधवार की घटना से कोई संबंध था या नहीं।
इस बीच, मुख्यमंत्री के आवास और कैंप कार्यालय में सुरक्षा उपायों की समीक्षा की गई है।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को गुप्ता के सिविल लाइंस आवास का दौरा कर उनकी सुरक्षा का आकलन किया।
एक अधिकारी ने बताया कि अब जन सुनवाई कार्यक्रमों के दौरान सीआरपीएफ कर्मियों की भी तैनाती होगी और ‘‘360 डिग्री’’ निगरानी रखने के लिए सुरक्षा टावर लगाने की भी योजना है।
जहां हमला हुआ था, उस जन सेवा सदन के बाहर सीसीटीवी कैमरों की स्थिति बदली जा रही है ताकि हर क्षेत्र पर नजर रखी जा सके।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि ये कदम हमले से उजागर हुई सुरक्षा खामियों को दूर करने के लिए व्यापक सुरक्षा सुधार का हिस्सा हैं।
एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘‘उद्देश्य यह है कि जन सुनवाई में जनता के साथ बातचीत का पहलू बरकरार रखते हुए मुख्यमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।’’
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने 51 वर्षीय मुख्यमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया। केंद्र सरकार ने उन्हें ‘जेड’ श्रेणी की वीआईपी सुरक्षा प्रदान की थी।
उनकी सुरक्षा में 22-25 सशस्त्र सीआरपीएफ कमांडो की एक टीम 24 घंटे तैनात रहेगी। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा तैयार की गई खतरा आकलन रिपोर्ट के बाद उन्हें ‘जेड’ श्रेणी की केंद्रीय सुरक्षा प्रदान की गई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के सुरक्षा कवर की समीक्षा के लिए एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें सीआरपीएफ, पुलिस और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘कार्यक्रमों में प्रवेश देने से पहले आगंतुकों की गहन तलाशी ली जाएगी। उपस्थित लोगों का सत्यापन भी किया जाएगा।’
भाषा
नोमान अविनाश
अविनाश
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