इंफाल: संदिग्ध उग्रवादियों ने सोमवार को मणिपुर पुलिस के ‘सुरक्षा काफिले’ पर घात लगाकर हमला किया, जो इंफाल से 28 किलोमीटर दूर नोनी जिले के के. सिनम गांव के पास मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दौरे की तैयारी के लिए जा रहा था. हमले में एक सुरक्षा चालक घायल हो गया.
सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने पुष्टि की कि यह हमला सुबह करीब 10:30 बजे इंफाल-जिरीबाम रोड पर हुआ.
सूत्रों ने बताया कि मणिपुर पुलिस की सुरक्षा टीम मंगलवार को मुख्यमंत्री के जिले के दौरे से पहले जमीनी आकलन के लिए जिरीबाम जा रही थी, तभी राष्ट्रीय राजमार्ग-37 पर उनके वाहन पर गोलीबारी हुई.
ड्राइवर की पहचान मोइरंगथेम अजेश उर्फ बोबो के रूप में हुई है, जिसे इलाज के लिए इंफाल के शिजा अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सिंह ने अस्पताल जाकर उनका हालचाल जाना. सिंह ने कहा कि यह उन पर नहीं, बल्कि मणिपुर के मुख्यमंत्री पर हमला था.
उन्होंने शिजा अस्पताल में मीडिया से कहा, “कई सालों और दिनों से हम इस तरह की हरकतों का सामना कर रहे हैं. लेकिन अब से सरकार मुंहतोड़ जवाब देगी, ताकि यह पता चले कि राज्य में कानून का राज है.”
सिंह ने कहा, “अभी तक हमने उग्रवादियों पर ज्यादा जवाबी कार्रवाई नहीं की है; हम इंतजार कर रहे हैं कि वे समझें कि हम सब मणिपुर में एक साथ हैं. लेकिन वे हमारे साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं…जैसे हम उनके पैरों तले दबे हों. हम निश्चित रूप से कार्रवाई करेंगे.”
मणिपुर के मुख्यमंत्री मंगलवार को हेलीकॉप्टर से अशांत जिरीबाम का दौरा करने की योजना बना रहे थे. वे राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के बाद सोमवार दोपहर दिल्ली से लौटे.
इस बीच, पुलिस कमांडो और असम राइफल्स के जवानों की मदद से इलाके पर कब्ज़ा करने के लिए एक संयुक्त अभियान चल रहा है. सुरक्षा सूत्रों ने पुष्टि की है कि काफिला इम्फाल लौट आया है.
पिछले कुछ दिनों में जिरीबाम में ताजा हिंसा देखने को मिली है. गुरुवार शाम को पहाड़ी से 59 वर्षीय मैतेई व्यक्ति का क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया. मृतक की पहचान जिरीबाम के सोरोक अटिंगबी खुनौ इलाके के सोइबाम सरतकुमार सिंह के रूप में हुई है.
हिंसा के मौजूदा दौर में मैतेई और कुकी-जो दोनों समुदायों के 250 से अधिक लोग जिरीबाम से विस्थापित हो गए हैं. दोनों समुदायों के कई घर जला दिए गए हैं. जिरीबाम और पड़ोसी तामेंगलोंग के जिला प्रशासन ने शुक्रवार को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी की, जिससे संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई.
इस बीच, तामेंगलोंग जिले के फेतोल गांव के अधिकारी ने रविवार को एक प्रेस बयान जारी कर सोइबाम सरतकुमार की हत्या के लिए एक आदिवासी ग्रामीण पर लगाए गए आरोप की निंदा की. बयान में त्वरित जांच और कानून को अपना काम करने का आग्रह किया गया.
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