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Friday, 15 November, 2024
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सर्जनों की संस्था ने ऐप आधारित रोगी रेफरल व्यवस्था में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने को कहा

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नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) द एसोसिएशन ऑफ मिनिमल एक्सेस सर्जंस ऑफ इंडिया (एएमएएसआई) ने भारत में मोबाइल ऐप आधारित रोगी रेफरल के ‘‘अनैतिक व्यवस्था’’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की है। संस्था का कहना है कि इससे उपयुक्त क्लीनिकल निर्णय में परेशानी आती है।

एएमएएसआई ने आरोप लगाया कि कुछ अस्पतालों का भी इन मोबाइल ऐप कंपनियों से गठबंधन है जो ‘‘सीधे असंदिग्ध रोगियों को अस्पताल भेजते हैं जिसका अधिकतर भुगतान ऐप कंपनी को होता है।’’ संस्था का दावा है कि वह एसोसिएशन ऑफ सर्जंस ऑफ इंडिया (एएसआई) का सबसे बड़ा समूह है जिसके 11 हजार से अधिक सदस्य हैं।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में एएमएएसआई के अध्यक्ष डॉ. जुगिंदर सोरोखाइबाम ने कहा कि एएमएएसआई की कार्यकारी समिति को पता चला है कि देश में कुछ मोबाइल ऐप का इस्तेमाल हो रहा है ‘‘जो बिना जांच के रोगियों को सीधे सर्जन/चिकित्सकों के पास भेजते हैं जिन्होंने इन कंपनियों के साथ करार किया है।’’

शुल्क का भुगतान मोबाइल ऐप कंपनी को किया जाता है और कंपनी अपना कमीशन काटकर सर्जन को भुगतान करती है।

उन्होंने लिखा, ‘‘यह प्रचलन काफी अनैतिक है। इससे किसी रोगी को सर्जरी की जरूरत और उसे जिस तरह के सर्जरी की जरूरत होती है उस बारे में क्लीनिकल फैसला करने में दिक्कत आती है। ऐप का निर्माण केवल धन कमाने के उद्देश्य से किया गया है।’’

मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की सभी मोबाइल ऐप कंपनियों को भारत में काम करने से रोक दिया जाना चाहिए।’’

भाषा नीरज नीरज उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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