गुवाहाटी, 16 मई (भाषा) असम सरकार ने मानव तस्करी और जादू-टोने को रोकने के उद्देश्य से शुक्रवार को एक सरकारी नीति अधिसूचित की ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी बिना किसी उत्पीड़न के समान गरिमा के साथ जीवन जी सकें।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ मानव तस्करी और जादू-टोने को समाप्त करने के लिए असम सरकारी नीति को अब आधिकारिक तौर पर अधिसूचित किया गया है। मानवाधिकारों और गरिमा को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम।’’
राज्यपाल के एक आदेश द्वारा छह मई को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से नीति लागू होगी।
नीति में यह स्वीकार किया गया कि मानव तस्करी और जादू-टोना अपराध हैं जो महिलाओं और लड़कियों को प्रभावित करता है।
इसमें कहा गया कि मानव तस्करी एक संगठित अपराध है वहीं जादू-टोना एक सामाजिक अपराध है।
असम विच हंटिंग (निषेध, रोकथाम और संरक्षण) अधिनियम, 2018 जादू-टोने से संबंधित है, जिसमें यह एक संज्ञानात्मक, गैर-जमानत योग्य अपराध है।
जादू-टोने के मामले इस कानून के लागू होने के बाद कम हुए हैं लेकिन पूरी तरह से समाप्त नहीं हुए हैं। असम पुलिस के आंकड़ों के अनुसार 2022-24 के बीच इसके 32 मामले दर्ज किए गए।
महिला और बाल विकास विभाग इस नीति के कार्यान्वयन के लिए नोडल विभाग के रूप में काम करेगा। अन्य विभागों को कोर या संबद्ध विभागों/हितधारकों के रूप में नामित किया जाएगा।
भाषा शोभना नरेश संतोष
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