नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भाषा) बिहार में मतदाता सूची में बिल्लियों और कुत्तों की तस्वीरें होने के दावों के बीच निर्वाचन आयोग ने असम में अपने कर्मियों को मतदाता सूची में अनुचित एवं बिना तस्वीरों वाली प्रविष्टियों की जांच करने और उन्हें पंजीकृत मतदाताओं की उचित तस्वीरों से बदलने का निर्देश दिया है।
असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को जारी निर्देशों में आयोग ने कहा कि श्वेत श्याम, गैर संबद्ध, अनुचित तस्वीरों और बिना तस्वीर वाली प्रविष्टियों के लिए ‘सॉफ्टवेयर आधारित’ रिपोर्ट तैयार की जानी चाहिए।
आयोग के आदेश में कहा गया है, ‘ऐसी तस्वीरों को बदलने के लिए बूथ स्तर के अधिकारी (बीएलओ) द्वारा सत्यापन किया जाना चाहिए और आवश्यक आवेदन- विनिर्देश के अनुसार फोटोग्राफ के साथ फॉर्म-8- मतदाताओं से अनिवार्य रूप से एकत्र किया जाना चाहिए और ऐसे बदलाव का उचित रिकॉर्ड रखा जाना चाहिए।’
निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि बीएलओ को एक विकल्प के रूप में मतदाताओं की तस्वीरें लेने का भी अधिकार है।
मतदाता सूची से विसंगतियों और संभावित फर्जी या एकाधिक प्रविष्टियों को हटाने के संबंध में आयोग ने निर्दिष्ट किया कि मसौदा प्रकाशन से पहले सभी त्रुटियों को दूर किया जाना चाहिए, पते मानकीकृत किए जाने चाहिए तथा तस्वीरों की गुणवत्ता की जांच की जानी चाहिए।
काल्पनिक मकान नंबर के इस्तेमाल के संबंध में निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि इससे संबंधित संपत्तियों का कानूनी दर्जा प्रभावित नहीं होगा।
आयोग ने कहा, ‘काल्पनिक मकान संख्या आवंटित करने का उद्देश्य मतदान केंद्रों के युक्तिकरण के दौरान एक ही घर के मतदाताओं को एक ही मतदान केंद्र पर रखना है। काल्पनिक मकान संख्या के आवंटन के अलावा बीएलओ को आस-पास के चिह्न का भी उल्लेख करना चाहिए ताकि पूछताछ करने पर घर की स्पष्ट पहचान हो सके।’
सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा था कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान कुछ लोगों ने मतदाता सूची में कुत्तों और बिल्लियों की तस्वीरें डालकर व्यवस्था में खामियां दिखाईं।
निर्वाचन आयोग ने 17 नवंबर को असम में मतदाता सूचियों के ‘विशेष पुनरीक्षण’ का आदेश दिया था। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, अंतिम मतदाता सूची 10 फ़रवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
आयोग द्वारा राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को जारी निर्देशों के अनुसार, राज्य में विशेष पुनरीक्षण के लिए एक जनवरी, 2026 अर्हता तिथि होगी।
अधिकारियों के अनुसार, विशेष पुनरीक्षण, मतदाता सूचियों के वार्षिक विशेष सारांश पुनरीक्षण और विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बीच होता है। एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘यह एक तरह से विशेष सारांश पुनरीक्षण का उन्नत रूप है…गणना प्रपत्रों के स्थान पर बूथ स्तर के अधिकारी पहले से भरे रजिस्टर पर मतदाताओं का सत्यापन करेंगे।’
भाषा आशीष नेत्रपाल
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