नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा सदन में सीएम अशोक गहलोत अपने बजट भाषण के दौरान अचानक अटक गए क्योंकि लगभग छह मिनट तक वह पुराना भाषण पढ़ते रहे. हालांकि अपनी गलती का आभास होने पर गहलोत ने बजट पढ़ना रोकते हुए माफ़ी मांगी.
गहलोत के पुराना बजट पढ़ने पर विपक्ष ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया जिसके बाद आधे घंटे के लिए सदन को स्थगित कर दिया गया.
पुराना बजट पढ़ने पर माफ़ी मांगते हुए गहलोत ने कहा, ‘मानव त्रुटि से एक पेज लग गया था, उसी वक्त मैंने सॉरी महसूस किया जब मैंने अपने भाषण को रोका.’
उन्होंने आगे कहा कि ‘ये नई बात नहीं है जब वसुंधरा जी मुख्यमंत्री थी, कुछ आंकड़े गलत आ गए थे, उन्होंने भी संशोधन कराया था.’
राजस्थान भगवान भरोसे
सदन में पुराना बजट पढ़ने की खबर आते ही विपक्ष ने गहलोत की आलोचना शुरू कर दी बीजेपी के नेता शहज़ाद पूनावाला ने एक ट्वीट कर कहा, ‘न केवल कानून व्यवस्था बल्कि राजस्थान की अर्थव्यवस्था भी अब भगवान भरोसे है! सीएम अशोक गहलोत ने मौजूदा बजट की जगह पुराना बजट पढ़ना शुरू किया.’
शहज़ाद ने आगे लिखा कि ‘अगर आपका ज्यादातर समय सचिन पायलट से सत्ता बचाने में और अपराधी बचाओ के खिलाफ जाता है तो आप ऐसी गलतियां करने के लिए बाध्य होते हैं !!’
राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को उस समय हंगामा हो गया जब मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक, राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा अपने बजट भाषण में पुराने भाषण की पंक्तियां पढ़ने का आरोप लगाते हुए ‘आसन के समीप’ आ गए.
दरअसल गहलोत ने 2023-24 का बजट सदन पटल पर रखा और भूमिका बांधने के बाद जैसे ही बजट घोषणाएं पढ़नीं शुरू की विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पिछले बजट की पंक्तियां पढ़ी हैं. गहलोत ने ‘इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना’ व महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) संबंधी घोषणाएं कीं जो पहले ही की जा चुकी हैं. दोनों घोषणाएं बजट 2022-23 की पहले ही की जा चुकी हैं.
विपक्ष के कुछ सदस्य हंगामा करते हुए ‘आसन के समीप’ आ गए. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी पी जोशी और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया में तीखी नोकझोंक हुई. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह नेता प्रतिपक्ष के ‘व्यवहार से दुखी होकर सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करते हैं.’
बता दें कि जैसे ही सीएम ने बजट पढ़ना शुरू किया उसके कुछ देर बाद ही सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने आकर उनके कान में कुछ कहा. जिसके बाद गहलोत ने बजट पढ़ना रोक दिया और उन्हें अपनी गलती का भी आभास हुआ.
बीजेपी विधायक राजेंद्र राठौर ने एएनआई को बताया, ‘आज सीएम गहलोत द्वारा पुराने बजट की प्रस्तुति से राजस्थान विधानसभा का अपमान हुआ है.’
राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे एक ट्वीट कर कहा, ‘जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री बिना चैक किए 8 मिनट तक पुराना बजट पढ़ते रहे, आप समझ सकते हैं कि उनके हाथ में प्रदेश कितना सुरक्षित है. ये इतिहास में पहली बार हुआ है.’
गहलोत ने पुराना बजट पढ़ते हुए कहा, ‘अब मैं, शहरों में भी रोजगार सुनिश्चित करने के लिए ‘इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना’ लागू करने की घोषणा करता हूं. इस योजना के माध्यम से आगामी वर्ष से शहरी क्षेत्रा में निवास करने वाले परिवारों को भी उनके द्वारा मांगे जाने पर प्रतिवर्ष 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध हो सकेगा. इस पर लगभग 800 करोड़ रुपए वार्षिक खर्च होंगे.’
आज राजस्थान विधानसभा में गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल का 5वां बजट पेश किया. यह बजट गहलोत कार्यकाल का आखिरी बजट है जिसे पेश करने के लिए गहलोत काफी उत्सुक भी दिखे. गहलोत सुबह मुस्कुराते हुए एक भूरे रंग का ब्रीफकैस लेकर सदन पहुंचे थे.
इससे पहले कल उन्होंने ट्वीट कर कहा था, ‘बचत, राहत और बढ़त लाएगा राजस्थान का बजट. प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति की #बचत_राहत_बढ़त की सुनिश्चितता के संकल्प के साथ बजट 2023 को अंतिम रूप प्रदान किया.’
मौजूदा राज्य सरकार का यह पांचवां व आखिरी बजट है.
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