लखनऊ: मानसिक रूप से बीमार ‘एक होनहार छात्र’ या एक संभावित आतंकवादी? उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध गोरखनाथ मठ में एक 29 साल के व्यक्ति ने कथित रूप से सुरक्षाकर्मियों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था. उसके बाद से ही आरोपी के असली मकसद की जांच की जा रही है.
रविवार को हुए हमले में यूपी प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) के दो जवान घायल हो गए थे. इस दौरान आरोपी अहमद मुर्तजा को भी चोटें आई थीं, जो इस समय अस्पताल में भर्ती है.
रविवार को अस्पताल में मीडिया से बातचीत करते हुए, मुर्तजा ने बताया कि वह ‘नेपाल भाग जाना चाहता था’, क्योंकि पुलिस ने उसके घर पर पहले से ही एक समन भेजा हुआ था. उसने कहा कि वह चाहता था कि उसका फोन गायब हो जाए ताकि वह पुलिस से बच सके.
मुर्तजा ने कहा, ‘कल (शुक्रवार) से एक दिन पहले, मेरे बड़े पापा (चाचा) ने कहा कि कुछ पुलिस वाले हमारे घर आए थे और मेरे बारे में पूछताछ कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मेरे नाम पर एक समन था.’ मुर्तजा के परिवार वालों के अनुसार मुर्तजा ने आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएशन की हुई है.
वह आगे बताता है, ‘मेरे चाचा ने कहा कि मामला गंभीर लग रहा है. और मुझे यहां रहना है या छोड़ कर कहीं और चले जाना है, इस पर विचार करना होगा. मैं बहुत डरा हुआ था और एक बैग (जो रविवार को उसके पास से बरामद हुआ था) लेकर नौगढ़ के लिए रवाना हो गया.’
नौगढ़ यूपी के सिद्धार्थनगर जिले में स्थित नेपाल सीमा के करीब है.
उसने कहा, ‘ मुझे लगा कि मैं वहां से नेपाल के लिए निकल जाऊंगा… मैं बहुत डरा हुआ था.’
हालांकि, मुर्तजा ने अभी तक ये नहीं बताया है कि उसे किस तरह का समन दिया गया था.
जबकि हिंदी मीडिया की एक रिपोर्ट ने कहा कि समन 35 लाख रुपये से जुड़े मामले के संबंध में हो सकता है, तो इसके बारे में ज्यादा बात न करते हुए उसके पिता ने कहा कि यह एक दीवानी मामला था.
ऐसी भी खबरें आई हैं कि मुर्तजा रविवार के मंदिर हमले से पहले से ही खुफिया रडार पर था.
पुलिस का कहना है कि वह अभी भी उसके दावों की जांच कर रही है. उत्तर प्रदेश के सहायक पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने दिप्रिंट को बताया कि आरोपी की हर बात पर विश्वास नहीं किया जा सकता है.
जांच अभी भी जारी है. पुलिस के अनुसार, रविवार की घटना एक ‘आतंकवादी हमला’ हो सकती है. उन्होंने कहा कि कथित हमले में अन्य लोगों के शामिल होने की भी जांच की जा रही है.
राज्य के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) और स्पेशल टास्क फ़ोर (एसटीएफ) को भी जांच में शामिल कर लिया गया है.
कुमार ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, ‘उसके पास से सनसनीखेज दस्तावेज बरामद किए गए हैं. ज्यादा जानकारी केवल जांच के बाद ही सामने आ सकती है. अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा. मामला अभी अपने प्रारंभिक स्तर पर है. गोरखपुर के स्थानीय पुलिस स्टेशन में दो मामले दर्ज किए गए हैं.’
एक अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने मुर्तजा को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
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हमले का वीडियो हुआ वायरल
गोरखनाथ मंदिर यूपी के सबसे उल्लेखनीय मंदिरों में से एक है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी हैं और विधानसभा में गोरखपुर निर्वाचन क्षेत्र का भी प्रतिनिधित्व करते हैं. वह इससे पहले गोरखपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
एडीजी (गोरखपुर जोन) अखिल कुमार ने रविवार को मीडिया को बताया कि रविवार की शाम करीब सात बजे गोरखपुर में रहने वाले मुर्तजा, गोरखनाथ मंदिर के दक्षिणी गेट तक पहुंचा और वहां तैनात पीएसी कांस्टेबल गोपाल गौर की सेल्फ लोडिंग राइफल (एसएलआर) छीनने की कोशिश करने लगा. सुरक्षाकर्मी जब तक संभलता, उतने में ही उसने धारदार हथियार से हमला करना शुरू कर दिया.
शोर सुनकर वहां खड़े एक अन्य सिपाही सुनील वहां भागते हुए पहुंचे तो हमलावर ने उन पर भी हमला कर दिया. इतनी देर में वहां तैनात अन्य सुरक्षाकर्मी भी तेजी से वारदात स्थल की तरफ भागे. उन्हें आता देख हमलावर ने जोर जोर से अल्लाह हु अकबर के नारे लगाने शुरू कर दिए.
मंदिर के मुख्य गेट पर लगे सीसीटीवी में ये घटना कैद हो गई और यह वीडियो वायरल हो गई. इसमें आरोपी ब्लेड लहराते हुए और पीछा कर रहे सुरक्षाकर्मियों पर चिल्लाता हुआ दिखाई दे रहा है.
अखिल कुमार ने कहा, ‘दोनों घायल जवानों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है. जहां उनका इलाज चल रहा है.’
सीएम ने हमले में घायल हुए पीएसी के दो जवानों में से प्रत्येक के लिए 5-5 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है.
‘पहले प्रयास में IIT पास किया और अब खुदकुशी की कोशिश’
मुर्तजा के पिता मुनीर अहमद अब्बासी ने बताया कि उनका बेटा आईआईटी बॉम्बे से केमिकल इंजीनियर ग्रज्युएट है.
माना जा रहा है कि 2020 में अपने परिवार के पास गोरखपुर लौटने से पहले मुर्तजा ने कुछ साल मुंबई में बिताए थे.
अब्बासी ने यह भी दावा किया है कि उनका बेटा एक पूर्व कॉर्पोरेट कर्मचारी था. उसने 2017 में भी आत्महत्या करने की कोशिश की थी.
अब्बासी ने एबीपी न्यूज से कहा ‘ पिछले कुछ सालों से वह बार-बार आत्महत्या की कोशिश करता रहा है. जब उसने रिलायंस में अपनी नौकरी छोड़ दी थी, तो हमने उसे साइकिल चलाने के लिए प्रोत्साहित किया. ताकि वह अपने आपको व्यस्त रख सके. लेकिन साइकिल चलाते हुए भी उसका दिमाग काम नहीं करता था. वह अक्सर 80-90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से साइकिल चलाता और कहता कि वह अपनी साइकिल को कहीं दुर्घटनाग्रस्त करना चाहता है.’ ‘हम उसे बताएंगे कि यह आत्महत्या थी और एक गंभीर अपराध भी, जिसकी कोई माफी नहीं है.’
अब्बासी ने मुर्तजा को एक ‘होनहार छात्र बताते हुए’ कहा कि उसने ‘92 प्रतिशत तक स्कोर किया है.’
उन्होंने कहा, ‘वह अपने पहले प्रयास में IIT में प्रवेश पा गया था और उसकी फीस माफ कर दी गई.’
उन्होंने कहा कि मुर्तजा की शादी हो चुकी थी, लेकिन ‘ आपसी मतभेदों’ के चलते वह पत्नी से अलग हो गया.
एडीजी कुमार ने कहा कि आरोपी और उसके परिवार के सभी दावों की जांच की जा रही है.
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