नई दिल्ली: बॉम्बे हाई कोर्ट ने क्रूज ड्रग्स केस मामले में आर्यन खान को जमानत दे दी है. आर्यन के साथ बॉम्बे हाई कोर्ट ने उनके साथी मुनमुन धमेचा और अरबाज मर्चेंट को भी जमानत दे दी. खान मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद थे.
आर्यन खान की वकालत कर रहे पूर्व एजी मुकुल रोहतगी ने कहा, ‘ बॉम्बे हाई कोर्ट ने 3 दिन तक दलीलें सुनने के बाद आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट, मुनमुन धमेचा को जमानत दी है. विस्तृत आदेश कल दिया जाएगा. उम्मीद है कल या शनिवार तक सभी जेल से बाहर आ जाएंगे.’
मुकुल रोहतगी ने आगे कहा, ‘आर्यन, अरबाज़ और मुनमुन कोर्ट के आदेश के बाद ही जेल से बाहर आ सकेंगे.’
मेरे लिए, यह एक रेगुलर केस ही था. हम कुछ केस जीतते हैं कुछ हारते हैं. लेकिन मुझे खुशी है कि उन्हें जमानत मिल गई है.
जज नितिन साम्बरे ने तीन दिनों तक सुनवाई सुनने के बाद आज सभी को जमानत दी.
बॉम्बे हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान एनसीबी के वकील अनिल सिंह ने जमानत याचिका खारिज करने की मांग करते हुए कहा कि आर्यन को जमानत मिलने पर सबूतों से छेड़छाड़ की जा सकती है.
गौरतलब है कि मुंबई तट के नजदीक क्रूज पर एनसीबी की छापेमारी के दौरान मादक पदार्थ मिलने के मामले में गिरफ्तार आर्यन खान (23), मर्चेंट और धमेचा गत तीन अक्टूबर से ही जेल में हैं.
इस मामले पर बुधवार को भी करीब दो घंटे हुई सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति साम्बरे ने कहा था कल हम इसे पूरा करने की कोशिश करेंगे.
आर्यन खान की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया था कि यह गिरफ्तारी संवैधानिक प्रावधानों का सीधा उल्लंघन है क्योंकि गिरफ्तारी वारंट में ‘वास्तविक और सही आधार का उल्लेख’ नहीं था.
मर्चेंट की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने एनडीपीएस मामलों की विशेष अदालत द्वारा मंगलवार को इसी मामले के दो आरोपियों-मनीष राजगढ़िया और अविन साहू- को दी गई जमानत की ओर ध्यान आकर्षित कराया.
उन्होंने कहा, ‘उनके खिलाफ भी आरोप समान है. बल्कि उनमें से एक पास से 2.6 ग्राम गांजा मिला था जबकि दूसरे ने उसका सेवन किया था.’ देसाई ने कहा, ‘ इन लड़कों (आर्यन और मर्चेंट) को अगर समानता के आधार पर नहीं तो स्वतंत्रता के आधार पर जमानत दी जानी चाहिए…सख्त शर्तों के आधार पर इन्हें जमानत पर रिहा करें.’
उल्लेखनीय है कि तीन अक्टूबर को एनसीबी द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट में केवल नशीले पदार्थ के सेवन एव रखने से संबंधित एनडीपीएस अधिनियम की धारा-20(बी) और 27 का उल्लेख था.
उन्होंने कहा कि धमेचा ने कभी मादक पदार्थ का सेवन नहीं किया है और चिकित्सा जांच से इसकी पुष्टि की जा सकती है.
गौरतलब है कि एनडीपीएस मामलों की विशेष अदालत द्वारा जमानत अर्जी खारिज किए जाने के बाद पिछले सप्ताह तीनों ने उच्च न्यायालय का रुख किया.
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