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Wednesday, 15 January, 2025
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अरूणाचल संस्कृति का जीवंत संग्रहालय: मंत्री

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ईटानगर, पांच जुलाई (भाषा) अरुणाचल प्रदेश अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सदियों पुरानी परंपराओं के लिए जाना जाता है और यह एक जीवंत संग्रहालय है। राज्य के शिक्षा, देशीय आस्था और संस्कृति मंत्री तबा तदीर ने यहां मंगलवार को यह बात कही।

तदीर ने अपतानी समुदाय के ‘ड्री फेस्टिवल’ की यहां शुरुआत करते हुए कहा, “ हमें उन्नत पश्चिमी देशों की तरह संस्कृति और परंपराओं की खोज करने की जरूरत नहीं है जहां लोग अपनी खोई हुई संस्कृतियों के बारे में जानने के लिए संग्रहालयों में जाते हैं।”

उन्होंने कहा, “ खान-पान, पहनावा, भाषा, धर्म और क्षेत्रों में विविधता के बावजूद, हम अरुणाचल के लोग ‘टीम अरुणाचल’ की भावना को दर्शाते हैं।”

मंत्री के मुताबिक, मुख्यमंत्री पेमा खांडू की सरकार ने 26 प्रमुख जनजातियों और 100 से ज्यादा छोटी जनजातियों के दस्तावेज़ीकरण, संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए देशीय आस्था विभाग को गठित किया है।

तदीर ने कहा कि यह विभाग पिछले दो साल से हर विधानसभा क्षेत्र को संबंधित उत्सव मनाने के लिए 8.3 लाख रुपये सालाना तौर पर आवंटित कर रहा है। हालांकि केंद्र सरकार ने इस मद में कोष देना बंद कर दिया है।

उन्होंने कहा, “ बुजुर्ग और माता-पिता ज्ञान का खजाना हैं और यही कारण है कि 1967 में पहली बार मनाया जाने वाला ड्री आज भी जीवंत है। ”

भाषा नोमान पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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