ईटानगर, 23 सितंबर (भाषा) अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘जीएसटी बचत उत्सव’ की घोषणा को चुनावी नौटंकी करार देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-नीत केंद्र सरकार पर राजनीतिक प्रचार के लिए त्योहारों और जन्मदिनों का इस्तेमाल करने का मंगलवार को आरोप लगाया।
कांग्रेस ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के कारण हुए आर्थिक संकट को भाजपा ने नजर अंदाज किया है।
विपक्षी दल ने दावा किया कि इस घोषणा का समय नवरात्रि उत्सव और प्रधानमंत्री के जन्मदिन के साथ मेल खाता है तथा इन सब से यह उजागर होता है कि यह ‘वास्तविक सुधार के बजाय मतदाताओं को लुभाने के लिए एक तमाशा है।’
अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के प्रवक्ता चेरा ताया ने एक बयान में कहा, ‘‘जीएसटी बचत उत्सव चुनावी समय के स्टंट के अलावा और कुछ नहीं है तथा आठ सालों तक मोदी सरकार ने जरूरी चीजों पर ज़्यादा जीएसटी लगाकर ज़िंदगी महंगी कर दी। अब चुनाव से ठीक पहले वह खुद को मसीहा के रूप में पेश करना चाहती है।’’
प्रथम नवरात्रि से नयी जीएसटी दरें लागू होने की पूर्व संध्या पर रविवार को मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया था और विभिन्न वस्तुओं की कीमतें कम हो जाने से इसे खरीदारों के लिए ‘जीएसटी बचत उत्सव’ बताया था।
पार्टी ने दावा किया गया है कि स्लैब को घटाकर पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत करने से 12 प्रतिशत की श्रेणी से कई वस्तुएं उच्च श्रेणी में चली जाएंगी, जिससे वे मध्यम वर्गीय परिवारों और छोटे व्यवसायों के लिए महंगी हो जाएंगी।
कांग्रेस ने आगे दावा किया कि जीएसटी मुआवजे पर बहुत अधिक निर्भर अरुणाचल प्रदेश और अन्य छोटे राज्यों को गंभीर राजकोषीय तनाव का सामना करना पड़ेगा, अगर मुआवजा निधि को 2026 से आगे नहीं बढ़ाया गया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कहकर की गई आलोचना को दोहराते हुए एपीसीसी ने जोर देकर कहा कि सरकार के ‘आधे-अधूरे’ सुधारों ने उनकी (गांधी की) चेतावनियों की पुष्टि की है।
भाषा यासिर सुरेश
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