शिलांग, 31 जुलाई (भाषा) मेघालय के शिलांग में कैथोलिक ईसाइयों के एक संघ ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर मानव तस्करी और धर्मांतरण में कथित रूप से शामिल दो ननों की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त की है और दावा किया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप ‘निराधार’ और “फर्जी” हैं।
नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस और एक अन्य व्यक्ति सुकमन मंडावी को 25 जुलाई को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने गिरफ्तार किया था।
यह गिरफ्तारी एक स्थानीय बजरंग दल पदाधिकारी की शिकायत पर की गई थी। शिकायत में उन पर राज्य के आदिवासी बहुल नारायणपुर जिले की तीन महिलाओं का जबरन धर्मांतरण और उनकी तस्करी करने का आरोप लगाया गया था।
कांग्रेस के पूर्व सांसद विंसेंट एच. पाला की अध्यक्षता वाले कैथोलिक एसोसिएशन ऑफ शिलांग (सीएएस), मेघालय ने दावा किया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति ’18 वर्ष से अधिक आयु की तीन युवतियों के साथ, उनके माता-पिता की पूर्ण सहमति से, नौकरी के सिलसिले में जा रहे थे।”
एसोसिएशन ने पत्र में कहा, ‘उनका काम मानवता की सेवा है, चाहे उनकी जाति, पंथ या धर्म कुछ भी हो। हमारा मानना है कि इस तरह के कार्य राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।’
कैथोलिक ईसाइयों के संगठन ने आरोप लगाया कि ‘बजरंग दल के सदस्यों के उकसावे पर यह कार्रवाई की गई और यह किसी विश्वसनीय सबूत के बजाय सांप्रदायिक पूर्वाग्रह से प्रेरित है।”
भाषा जोहेब मनीषा
मनीषा
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