इंफाल, आठ जून (भाषा) मणिपुर में प्रशासन की ओर से इंफाल घाटी के पांच जिलों में निषेधाज्ञा लागू करने और इंटरनेट सेवाएं निलंबित करने के बावजूद मेइती संगठन के नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में रविवार को भी प्रदर्शन जारी रहा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए इंफाल पश्चिम जिले के उरीपोक और कोइरेंगेई तथा इंफाल पूर्व के खुरई में सड़कों पर टायर जलाए।
कोइरेंगेई में प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों की आवाजाही रोकने के लिए सड़कें खोद दीं तथा मुख्य मार्गों पर मिट्टी के ढेर लगा दिए।
असम के पड़ोसी जिरीबाम जिले में भी इसी तरह का प्रदर्शन किया गया। मेइती संगठन अरम्बाई टेंगोल के नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद शनिवार रात से इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग जिलों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है, जबकि इन घाटी क्षेत्रों में वीएसएटी तथा वीपीएन सुविधाओं सहित इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।
मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने राज्य भर में हो रहे प्रदर्शनों के मद्देनजर रविवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा को लेकर समीक्षा बैठक की।
राजभवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि राज्यपाल ने विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की, जिन्होंने भल्ला को पूर्वोत्तर राज्य की मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराया।
कम से कम 20 विधायकों के प्रतिनिधिमंडल में भाजपा और कांग्रेस के विधायक शामिल थे। राज्यपाल से मुलाकात के बाद एक विधायक ने बताया कि हिंसा की पिछली घटनाओं के सिलसिले में कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसके कारण शनिवार से पूर्वोत्तर राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाजपा विधायक के. इबोम्चा ने बताया कि गिरफ्तार किए गए पांच लोगों में से एक को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पकड़ा है।
सीबीआई ने कहा कि उसने 2023 में मणिपुर हिंसा से संबंधित विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए रविवार को इंफाल हवाई अड्डे पर अरम्बाई टेंगोल के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है, जबकि पुलिस ने चार अन्य के बारे में जानकारी नहीं दी।
सीबीआई के एक बयान में कहा गया है कि उसे इंफाल से गुवाहाटी लाया गया है और पुलिस हिरासत में लेने के लिए सक्षम अदालत में पेश किया जाएगा।
लामलाई निर्वाचन क्षेत्र के विधायक इबोम्चा ने कहा, ‘‘बैठक के दौरान हमें बताया गया कि पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था, और उनमें से एक कानन सिंह को सीबीआई ने एक मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। हम हाल ही में आई बाढ़ के दौरान अरम्बाई टेंगोल द्वारा निभाई गई भूमिकाओं की सराहना करते हैं।’’
शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने क्वाकेइथेल और उरीपोक में सड़कों पर टायर और पुराने फर्नीचर जलाए और मेइती नेताओं की रिहाई की मांग की। राज्य की राजधानी में सात जून की रात को अलग-अलग जगहों पर सुरक्षा बलों के साथ उनकी झड़प हुई। भीड़ ने इंफाल पूर्वी जिले के खुरई लामलोंग में एक बस को भी आग के हवाले कर दिया। राजभवन से करीब 200 मीटर दूर कंगला गेट के सामने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के कई गोले दागे।
केंद्रीय बलों की अतिरिक्त तैनाती के साथ राजभवन की ओर जाने वाली सड़कों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
अशांत पूर्वोत्तर राज्य में विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर, इंफाल पश्चिम के जिलाधिकारी द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि ‘‘इंफाल पश्चिम में पुलिस अधीक्षक ने… क्षेत्र में शांति भंग, सार्वजनिक शांति में व्यवधान, दंगा या झगड़े तथा असामाजिक तत्वों की गैरकानूनी गतिविधियों के कारण मानव जीवन और संपत्तियों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न होने की सूचना दी है।’’
जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 की उपधारा दो के तहत पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने तथा लाठी, पत्थर या धारदार हथियार लेकर चलने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
पुलिस ने बताया कि थौबल और काकचिंग जिलों में भी इसी तरह के निवारक उपाय किए गए हैं।
इंफाल पूर्व और बिष्णुपुर जिलों में लोगों को बीएनएसएस की धारा 163 की उपधारा एक के तहत अगले आदेश तक शनिवार रात 10 बजे से उनके घरों से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘अरम्बाई टेंगोल के नेताओं की गिरफ्तारी के बाद हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। प्रदर्शनकारियों और कर्मियों के बीच झड़प में तीन लोग घायल हुए हैं। सभी एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं।’’
शनिवार रात 11.45 बजे से पांच दिनों के लिए घाटी के पांच जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।
आयुक्त-सह-सचिव (गृह) एन. अशोक कुमार ने कहा है कि आदेश का उल्लंघन करने का दोषी पाये जाने पर किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि मई 2023 से मेइती और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
भाषा संतोष प्रशांत
प्रशांत
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