नयी दिल्ली: सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने शनिवार को कहा कि यदि सेना को संसद से आदेश मिलता है तो वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को अपने नियंत्रण में ले सकती है. इस बयान को पाकिस्तान के लिए कड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है.
सेना दिवस से पहले यहां संवाददाता सम्मेलन में जनरल नरवणे ने यह भी कहा कि सेना सियाचिन ग्लेशियर में बिल्कुल सतर्क है क्योंकि सामरिक रूप से इस संवेदनशील क्षेत्र में भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान की मिलीभगत की संभावना है.
सेना प्रमुख ने कहा, ‘जहां तक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की बात है तो कई साल पहले इस पर संसद से एक प्रस्ताव पारित हुआ था कि पूरा जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा है. यदि संसद चाहती है कि यह क्षेत्र पूरी तरह हमारा हो जाए और यदि हमें उसके सिलसिले में आदेश मिलता है तो हम निश्चित ही उस दिशा में कार्रवाई करेंगे.’
वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या सेना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को अपने कब्जे में लेने के लिए तैयार है.
फरवरी, 1994 में संसद में एक प्रस्ताव पारित हुआ था कि पाकिस्तान जम्मू कश्मीर के उन क्षेत्रों को पूरी तरह खाली करे जिन्हें उसने आक्रमण के जरिए कब्जा लिया था. उस प्रस्ताव में यह भी निश्चय किया गया था कि भारत के अंदरूनी मामलों में दखल की पाकिस्तान की किसी भी कोशिश से दृढ़ता से निपटा जाएगा.
भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के बाद कई महत्वपूर्ण अधिकारियों ने कहा है कि अब पीओके को कब्जे में लेने पर ध्यान दिया जाना चाहिए.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी यह कहा था कि यदि पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी हो तो वह बातचीत बस पीओके के विषय पर होनी चाहिए.
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सियाचिन ग्लेशियर की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर जनरल नरवणे ने कहा कि भारतीय सैन्यबलों को नजरें नहीं हटानी चाहिए क्योंकि उस क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान के बीच मिलीभगत हो सकती है.
सेना प्रमुख ने कहा, ‘ हमें उस पर पकड़ बनाये रखने की जरूरत है. यह किसी भी स्तर पर हो सकता है, सियाचिन और साक्षगाम वैली ऐसे स्थान हैं जहां इन दोनों देशों की जमीनें मिलती हैं.’
जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पाकिस्तान सेना द्वारा दो नागरिकों को मारे जाने के बारे में जनरल नरवणे ने कहा कि भारतीय सेना ऐसी बर्बर कार्रवाई को अंजाम नहीं देगी.
उन्होंने कहा, ‘ हम ऐसी बर्बर कार्रवाई नहीं करेंगे और बहुत ही पेशेवर सैन्यबल के रूप में लड़ेंगे. हम सैन्य तरीके से ऐसी स्थितियों से उपयुक्त ढंग से निपटेंगे. ’
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना नियंत्रण रेखा समेत सर्वत्र बहुत ही पेशेवर और नैतिक तरीके से बर्ताव करती है.
सेना प्रमुख ने कहा, ‘ पेशेवर सेनाएं ऐसी बर्बर कार्रवाई कभी नहीं करती है.’
जम्मू कश्मीर में सेना के खिलाफ कदाचार की शिकायतों के बारे उन्होंने कहा कि जांच से सामने आया कि सारे आरोप ‘बेबुनियाद’ थे.