जम्मू, 31 मई (भाषा) सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की एक महिला अधिकारी को सम्मानित किया तथा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान उनकी भूमिका के लिए अर्द्धसैन्य बल और पूर्व सैनिकों की प्रशंसा की।
थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) बृहस्पतिवार को दो दिवसीय दौरे पर जम्मू पहुंचे और गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक में भाग लिया।
जनरल द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर के परगवाल सेक्टर में परिचालन तैयारियों की समीक्षा की और टाइगर डिवीजन का दौरा किया, जहां उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सैनिकों की सराहना की।
भारतीय सेना के अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय (एडीजीपीआई) ने शनिवार को ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘उन्होंने उभरते सुरक्षा परिदृश्य के प्रति सजग और सतर्क रहने के महत्व पर बल दिया।’’
इसमें कहा गया है कि सीओएएस ने सेना के साथ बीएसएफ के परिचालन तालमेल की भी प्रशंसा की और जम्मू के अखनूर सेक्टर में अग्रिम चौकियों की रक्षा के लिए सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी और उनकी टीम की बहादुरी की भी सराहना की।
सेना ने जनरल द्विवेदी की यात्रा की कई तस्वीरें साझा करते हुए कहा, ‘‘उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों को समर्थन देने में पूर्व सैनिकों के बहुमूल्य योगदान की भी सराहना की।’’
शुक्रवार को दिल्ली लौटने से पहले सेना प्रमुख ने बीएसएफ की सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी को जम्मू सीमा पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान उनके असाधारण शौर्य और परिचालन दक्षता के लिए सम्मानित किया।
अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे एक पाकिस्तानी चौकी के बिल्कुल नजदीक स्थित सीमा चौकी की कमान संभालते हुए, सहायक कमांडेंट के नेतृत्व में सुरक्षा बलों ने जीरो लाइन (शत्रु क्षेत्र के सबसे निकट का क्षेत्र) के पार शत्रु की तीन अग्रिम चौकियों को मुंहतोड़ जवाब देकर खामोश कर दिया।
बीएसएफ जम्मू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, ‘‘30 मई 2025 को सीओएएस जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बीएसएफ जम्मू की सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उनके असाधारण शौर्य और परिचालन दक्षता के लिए प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया।’’
उन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अग्रिम मोर्चे पर तैनात बीएसएफ कंपनी की बहादुरी से कमान संभाली। नेहा के अलावा छह महिला कांस्टेबल अग्रिम सीमा चौकी पर बंदूक थामे रहीं और सांबा, आर एस पुरा और अखनूर सेक्टरों में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाया।
उत्तराखंड में अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी की अधिकारी नेहा को बीएसएफ का हिस्सा होने और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान जम्मू जिले के अखनूर सेक्टर के परगवाल अग्रिम क्षेत्र में एक सीमा चौकी की कमान संभालने पर गर्व है।
उन्होंने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं अपने सैनिकों के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास चौकी पर तैनात होकर गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। यह अखनूर-परगवाल क्षेत्र में पाकिस्तानी चौकी से लगभग 150 मीटर की दूरी पर है।’’
नेहा के दादा भारतीय सेना में सेवारत थे और उनके माता-पिता केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से हैं, जिससे वह परिवार में तीसरी पीढ़ी की अधिकारी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे दादा सेना में रहे थे। मेरे पिता सीआरपीएफ में थे। मेरी मां सीआरपीएफ में हैं। मैं सशस्त्र बल में तीसरी पीढ़ी की अधिकारी हूं।’’
भाषा आशीष पवनेश
पवनेश
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