जयपुर, 13 फरवरी (भाषा) राजस्थान में नदियों से वैध बजरी खनन के वास्ते 60 खनन क्षेत्रों के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति जारी हो गई है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव खनन, पेट्रोलियम एवं ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि अब राज्य स्तर पर आवश्यक औपचारिकताएं पूरे होने के साथ ही प्रदेश में लगभग सभी क्षेत्रों में बजरी का वैध खनन शुरू हो जाएगा।
एक आधिकारिक बयान में अग्रवाल ने बताया कि गत 11 नवंबर को उच्चतम न्यायालय के निर्देश जारी होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर खनिज पट्टों के लिए जारी मंशा पत्रों की वैधता को 13 माह के स्थान पर 68 माह कर दिया है।
अग्रवाल ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद राज्य सरकार द्वारा जालौर में दो और भीलवाड़ा में एक बजरी खनन पट्टे और उसके बाद चार दिसंबर को देवली, राजसमंद, नाथद्वारा में बजरी मंशा पत्रों की वैधता की राह प्रशस्त होने से कुल छह बजरी खनन की लीज जारी हो सकी है।
खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने केन्द्र सरकार से पर्यावरणीय अनुमति मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
अग्रवाल ने बताया कि पर्यावरणीय स्वीकृति जारी होने के बाद राज्य स्तर पर आवश्यक औपचारिकताएं पूरे होते ही खनन पट्टा (लीज) जारी किया जायेगा जिससे बजरी का वैध खनन आरंभ हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि इन 60 खनन क्षेत्रों के लिए पट्टा जारी होते ही प्रदेश में बजरी की समस्या का पूरी तरह से समाधान हो जाएगा।
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देवेंद्र
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