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Thursday, 21 November, 2024
होमदेशApple ने केजरीवाल के iPhone को अनलॉक करने के ED के ‘अनौपचारिक’ अनुरोध को अस्वीकार किया

Apple ने केजरीवाल के iPhone को अनलॉक करने के ED के ‘अनौपचारिक’ अनुरोध को अस्वीकार किया

हालांकि, ईडी ने लिखित अनुरोध नहीं किया. जानकारी मिली है कि यह पहली बार नहीं है जब Apple ने एजेंसी के इस तरह के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है.

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नई दिल्ली: अमेरिका स्थित एप्पल कंपनी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आईफोन को अनलॉक करने से इस आधार पर इनकार कर दिया है कि डेटा तक केवल डिवाइस के मालिक द्वारा सेट किए गए पासवर्ड से ही पहुंचा जा सकता है. दिप्रिंट को इस बारे में जानकारी मिली है.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक सूत्र के अनुसार, ईडी ने आबकारी नीति घोटाले मामले की जांच के तहत केजरीवाल के फोन तक पहुंचने का अनुरोध करते हुए “अनौपचारिक तरीके से” एप्पल से संपर्क किया था, लेकिन कंपनी ने इनकार कर दिया.

सूत्र ने कहा, “हालांकि, कोई लिखित संदेश नहीं दिया गया, लेकिन ऐप्पल को केजरीवाल का फोन खोलने में मदद करने के लिए कहा गया था क्योंकि जांच में मदद चाहिए थी, लेकिन अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया.” हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि एप्पल ने एजेंसी को इस तरह इनकार किया हो.

केजरीवाल को उनके आवास पर घंटों पूछताछ के बाद अब खत्म हो चुकी आबकारी नीति मामले में 21 मार्च की रात को गिरफ्तार किया गया. अपनी गिरफ्तारी की रात, सीएम ने कथित तौर पर अपना आईफोन बंद कर दिया था और पासवर्ड साझा करने से इनकार कर दिया.

सूत्रों के मुताबिक, केजरीवाल ने कहा कि उनके मोबाइल फोन डेटा और चैट तक पहुंच कर ईडी को AAP की “चुनावी रणनीति” और गठबंधन के बारे में जानकारी मिल जाएगी.

ईडी ने अदालत को बताया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री 23 से 27 मार्च के बीच हर दिन दर्ज किए गए पांच बयानों में “गोलमोल जवाब” दे रहे हैं.

ईडी के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी के पास यह स्थापित करने के लिए “पर्याप्त सबूत” और “अन्य आरोपियों के बयान” हैं कि केजरीवाल ने दिल्ली में शराब व्यापार में लाभ के बदले भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) एमएलसी के. कविता से 100 करोड़ रुपये मांगे थे.

ईडी के मुताबिक, केजरीवाल को इस बात की जानकारी थी कि कैसे रिश्वत के बदले में लाइसेंस धारकों को लाइसेंस शुल्क में छूट और कटौती और एल-1 लाइसेंस के विस्तार जैसे अनुचित लाभ दिए जा रहे थे.

‘नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा’

2016 में Apple के सीईओ टिम कुक ने अपने कर्मचारियों से कहा कि सैन बर्नार्डिनो हमले में दो हमलावरों में से एक सैयद फारूक द्वारा इस्तेमाल किए गए iPhone को अनलॉक करने के लिए अमेरिकी सरकार के साथ सहयोग करने से इनकार करना “नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा” था.

एफबीआई के निदेशक जेम्स कॉमी ने कहा कि पीड़ितों को न्याय दिलाने में मदद करने के लिए कंपनी को इसका अनुपालन करना चाहिए, जिसके बाद उन्होंने सुबह कर्मचारियों को भेजे गए एक ईमेल में न्याय विभाग से अपना आदेश वापस लेने का भी आह्वान किया था.

कुक ने कहा था कि एप्पल के पास “आतंकवादियों के प्रति कोई सहिष्णुता या सहानुभूति नहीं है” लेकिन न्याय विभाग के आदेशों का पालन करना “खतरनाक मिसाल” स्थापित करेगा. उन्होंने कहा था, “कानून का पालन करने वाले करोड़ों लोगों की डेटा सुरक्षा दांव पर है और एक खतरनाक मिसाल कायम की जा रही है जो हर किसी की नागरिक स्वतंत्रता को खतरे में डालती है.”

चार साल बाद, Apple के वैश्विक गोपनीयता के तत्कालीन वरिष्ठ निदेशक, जेन होर्वाथ ने भी कहा था कि “जिन सेवाओं पर हम भरोसा करते हैं, उनके लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन बेहद महत्वपूर्ण है”.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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