(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली/मलप्पुरम, 30 सितंबर (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सोमवार को निर्दलीय विधायक पी.वी. अनवर पर पार्टी और केरल सरकार को निशाना बनाने के लिए धर्म व आस्था का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री पिनराई विजनय के खिलाफ बागी तेवर अपनाने वाले अनवर से माकपा के रिश्ते खराब हो गए हैं।
अनवर ने आरोप लगाया है कि दिन में पांच वक्त की नमाज पढ़ने पर माकपा उन्हें “सांप्रदायिक” व्यक्ति के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रही है। उनके इस आरोप पर पलटवार करते हुए माकपा के वरिष्ठ नेता ए.के. बालन ने कहा कि ये आरोप पूरी तरह झूठे हैं।
उन्होंने कहा कि कोई भी इबादत के खिलाफ नहीं है और उन्हें आशंका थी कि अनवर ये आरोप लगा सकते हैं।
बालन ने नयी दिल्ली में पत्रकारों से कहा, “वह अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं।”
माकपा नेता ने आरोप लगाया कि अनवर का मकसद मुख्यमंत्री की छवि को तार-तार करना है, जिनका अल्पसंख्यक समुदायों के बीच बहुत सम्मान किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह सब यूडीएफ के एजेंडे का हिस्सा है।
बालन ने कहा, “अनवर के आरोपों के पीछे एक साजिश है। मलप्पुरम में पिछले विधानसभा चुनाव में वामपंथियों के पक्ष में 43 प्रतिशत मतदान हुआ था। मुस्लिम समुदाय ने बढ़-चढ़कर वामपंथियों के पक्ष में मतमदान किया था। इसका मुख्य कारण पिनराई विजयन का व्यक्तित्व था।”
एडीजीपी एम. आर. अजितकुमार और मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव पी. शशि के खिलाफ सोना तस्करी समेत अनवर के विभिन्न आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए माकपा नेता ने कहा कि विधायक द्वारा उल्लिखित सभी मामलों की जांच जारी है।
एक दिन पहले अनवर ने मलप्पुरम जिले के नीलांबुर में अपने गृह क्षेत्र में जनसभा आयोजित की थी, जिसमें उन्होंने विजयन और सत्तारूढ़ माकपा पर ताजा हमला किया था और एडीजीपी अजितकुमार से जुड़े आरोपों समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर उनके दावों की उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की मांग की थी।
भाषा जोहेब मनीषा
मनीषा
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