scorecardresearch
Saturday, 21 December, 2024
होमदेशआकाशवाणी ने 60 वर्षों बाद बदला वार्षिक कार्यक्रम, सरदार पटेल व्याख्यान में प्रसारित होंगे मोदी और शाह के भाषण

आकाशवाणी ने 60 वर्षों बाद बदला वार्षिक कार्यक्रम, सरदार पटेल व्याख्यान में प्रसारित होंगे मोदी और शाह के भाषण

व्याख्यान 1955 से आकाशवाणी की वार्षिक विशेषता रही है और इसमें देश की प्रख्यात हस्तियां चुनिंदा श्रोता शामिल होते रहे हैं. जो आकाशवाणी के सभी प्रसारण केंद्रों से प्रसारित होता रहा है.

Text Size:

नई दिल्ली: 60 वर्षों से ऑल इंडिया रेडियो सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती मनाता आ रहा है. इस दिन यानी 31 अक्टूबर को उनके नाम पर एक घंटे का व्याख्यान प्रसारण किया जाता है.

हालांकि, इस वर्ष ऑल इंडिया रेडियो ने अपनी योजनाओं को बदल दिया है.

प्रख्यात व्यक्तित्व द्वारा दिए गए व्याख्यान के बजाय आकाशवाणी एक रेडियो रिपोर्ट प्रसारित करेगा, जिसमें गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के भाषणों के अंश होंगे. सरकार के सूत्रों ने कहा कि मन की बात के पीएम के एपिसोड के अंश और सरदार पटेल के कुछ उपलब्ध अभिलेखीय अंश भी प्रसारण का हिस्सा होंगे.

सरकार के एक सूत्र ने कहा, ‘वार्षिक सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर, जो कि एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व द्वारा दिया जाता है, उसे अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में रिकॉर्ड किया जाता है और फिर 31 अक्टूबर को रेडियो पर प्रसारित किया जाता है. इस साल यह कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया था. इसका कोई कारण नहीं बताया गया कि व्याख्यान क्यों नहीं हो रहा है.’

अन्य लोगों द्वारा दावा किया गया है कि यह अंतिम समय में निर्णय लिया गया था.

हालांकि, आकाशवाणी ने कार्यक्रम का नाम रखने का फैसला किया है – सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर – यह लेक्चर बदला नहीं जायेगा. केवल इसके कंटेंट को बदला जायेगा. कार्यक्रम रात 9.30 बजे प्रसारित किया जाएगा.

देश भर के सभी आकाशवाणी केंद्रों को इसकी सूचना दी गई है.

ऑल इंडिया रेडियो के महानिदेशक फैयाज शेहरियार ने दिप्रिंट को बताया कि व्याख्यान अभी एक अलग प्रारूप में प्रसारित किया जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर 2019 एक अलग प्रारूप में होगा, जो श्रोताओं को गुजरात के केवडिया में प्रधानमंत्री के संबोधन का एक अंश प्रदान करेगा, जो भारत के लौह पुरुष के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में होगा. वहीं अमित शाह भारत के पुनर्गठन में सरदार वल्लभभाई पटेल की भूमिका पर प्रकाश डालेंगे.

शेहरियार ने कहा, ‘ इस कार्यक्रम के दौरान इन दोनों संबोधनों और माननीय पीएम ‘ के ‘मन की बात’ के एपिसोड में राष्ट्रीय एकता दिवस का उल्लेख किया गया है और साथ ही ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के विषय से संबंधित ऑल इंडिया रेडियो द्वारा बनाया गया प्रतिष्ठित गीत भी होगा.

62 साल पुराना एक व्याख्यान

अंग्रेजी में दिया जाने वाला वार्षिक सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर 1955 में पटेल की याद में शुरू किया गया था, जिन्होंने भारत के पहले सूचना और प्रसारण मंत्री के अलावा उप-प्रधानमंत्री और पहले गृह मंत्री के रूप में कार्य किया था.

कई सालों से विभिन्न क्षेत्रों की प्रख्यात हस्तियों ने कई चयनित विषयों पर चुनिंदा श्रोताओं को लेक्चर दिया है.

व्याख्यान देने वाले कुछ प्रमुख नामों में भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल डॉ सी राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति डॉ जाकिर हुसैन, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, पूर्व पीएम मोरारजी देसाई, मानव विज्ञानी डॉ वेरियर एल्विन, कांग्रेस नेता वसंत साठे, इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ के कस्तूरीरंगन, कृषि वैज्ञानिक डॉ एमएस स्वामीनाथन और इतिहासकार रोमिला थापर जैसे लोग शामिल हैं.

इस कार्यक्रम में पिछले पांच वर्षों में मोदी सरकार के कई मंत्रियों ने व्याख्यान दिया, जिसमें अरुण जेटली, डॉ जितेंद्र सिंह और स्मृति ईरानी भी शामिल हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर 2018 की थीम: ड्रीम इंडिया 2030 – अवॉयडिंग द पिटफॉल्स पर लेक्चर दिया था. .

लेकिन, हिंदी में आल इंडिया रेडियो द्वारा आयोजित व्याख्यान की अन्य श्रृंखला में डॉ राजेंद्र प्रसाद मेमोरियल व्याख्यान श्रृंखला है. घंटे भर का व्याख्यान हर साल नवंबर के दूसरे पखवाड़े में आयोजित किया जाता है और हर साल 3 दिसंबर को भारत के पहले राष्ट्रपति की जयंती पर प्रसारित किया जाता है.

भाजपा और पटेल

सत्तारूढ़ भाजपा 2014 के बाद से सत्ता में आने के बाद से सरदार पटेल को अपना बनाने की कोशिश की है और उन्हें बार-बार भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के विरोधी के रूप में पेश किया है.

पिछले साल गुजरात में सरदार पटेल पर प्रतिष्ठित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के अलावा मोदी सरकार उनकी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस या राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाती है.

इस साल पीएम मोदी 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष्य में गुजरात के केवडिया में हैं और यह स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की पहली वर्षगांठ हैं, यह प्रतिमा पटेल को समर्पित है. अमित शाह नई दिल्ली में रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम का हिस्सा हैं.

सरकार ने अपने प्रमुख कार्यक्रम एक भारत श्रेष्ठ भारत को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की कार्यक्रमों की भी योजना बनाई है, जिसे पहली बार 31 अक्टूबर 2015 में शुरू किया गया था.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

share & View comments