नई दिल्ली: कंझावला मामलें में गृह मंत्रालय के आदेश के बाद रोहिणी जिले के 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया. इसमें दो सब इंस्पेक्टर, चार असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, चार हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल शामिल हैं.
दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ये 11 पुलिसकर्मी घटना की रात पीसीआर वैन में ड्यूटी पर तैनात किये गए थे लेकिन लापरवाही करने के आरोप में इन्हें निलंबित किया गया है.
गौरतलब है कि निलंबित पुलिस कर्मियों में पांच चौकी पर थे और छह पुलिसकर्मी तीन पीसीआर पर थे जिन्हें निलंबित कर दिया गया है.
बता दे कि गृह मंत्रालय ने घटना में शामिल पांचों आरोपियों पर धारा 302 (हत्या) का केस लगाकर मामलें की जांच आगे बढ़ाने का आदेश दिया है.
यह मामला एक जनवरी की उस जघन्य घटना से जुड़ी हुई है, जिसमें स्कूटर सवार 20 वर्षीय अंजलि सिंह को बाहरी दिल्ली के खंजावाला इलाके में पांच युवकों द्वारा चलाई जा रही कार से कथित तौर पर टक्कर मारने और कई किलोमीटर तक घसीटने के बाद सड़क पर मृत पाया गया था.
इससे पहले गुरुवार को, गृह मंत्रालय (एमएचए) ने विशेष पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह द्वारा तैयार की गई विस्तृत दिल्ली पुलिस रिपोर्ट का संज्ञान लिया, मंत्रालय ने तीन पीसीआर वैन और दो पुलिस पिकेट पर तैनात पुलिस कर्मियों को निलंबित करने की सिफारिश की थी.
इसके अलावा, एमएचए ने सिफारिश की कि दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा दिल्ली पुलिस के तीन पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) और दो पुलिस पिकेट पर तैनात इन पुलिस कर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करें.
जांच से जुड़े अधिकारियों ने एएनआई को बताया कि गृह मंत्रालय ने यह भी सुझाव दिया है कि दिल्ली पुलिस आयुक्त मामले में जांच में लापरवाही पर विचार करते हुए मामले से जुड़े अधिकारियों के खिलाफ भी नोटिस जारी करें.
नए साल की सुबह बाहरी दिल्ली के कंझावला इलाके में हुई इस घटना के संबंध में दिल्ली पुलिस की विस्तृत रिपोर्ट मिलने के बाद गृह मंत्रालय ने यह सिफारिश की है कि दिल्ली पुलिस जल्द से जल्द अदालत में दोषियों के खिलाफ चार्जशीट दायर करे और सभी जरूरी कदम उठाए ताकि उन्हें सजा मिल सके.