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Thursday, 25 April, 2024
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अनिल देशमुख को मनी लॉन्ड्रिंग केस में 15 नवंबर तक ED की हिरासत मे भेजा गया

पूर्व मंत्री को शुक्रवार को पीएमएलए की विशेष अदालत के न्यायाधीश एच एस सठभाई के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उनकी हिरासत की अवधि 15 नवंबर तक बढ़ा दी.

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मुंबई: मुंबई की एक विशेष अदालत ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) की हिरासत शुक्रवार को 15 नवंबर तक बढ़ा दी.

ईडी की हिरासत बढ़ाने की मांग का विरोध करते हुए देशमुख के वकील ने पूछा कि उसने मामले में अन्य आरोपी और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया है और मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह को कभी पूछताछ के लिए क्यों नहीं बुलाया गया.

ईडी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता देशमुख को धनशोधन रोकथाम कानून के तहत एक नवंबर को गिरफ्तार किया था. विशेष अवकाशकालीन अदालत ने छह नवंबर को 71 वर्षीय देशमुख को न्यायिक हिरासत में भेजा था और ईडी की हिरासत बढ़ाने की मांग खारिज कर दी थी.

इसके एक दिन बाद ही बंबई हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को रद्द करते हुए देशमुख को 12 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था.

पूर्व मंत्री को शुक्रवार को पीएमएलए की विशेष अदालत के जस्टिस एच एस सठभाई के सामने पेश किया गया जिन्होंने उनकी हिरासत की अवधि 15 नवंबर तक बढ़ा दी.

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विशेष सरकारी अभियोजक श्रीराम शीरसत ने अदालत से कहा कि देशमुख ‘टालमटोल कर रहे हैं और अजीबोगरीब जवाब’ दे रहे हैं इसलिए आगे हिरासत की जरूरत है.

अभियोजक ने कहा कि सचिन वाजे ने देशमुख के कहने पर मुंबई में बार मालिकों से रिश्वत वसूली में अहम भूमिका निभाई थी और ईडी इस मामले में वाजे का बयान दर्ज करने के लिए संबंधित अदालत से अनुमति मांगने की प्रक्रिया में है.

ईडी ने कहा कि देशमुख का सामना उन नए सबूतों से कराने के लिए उनकी हिरासत जरूरी है जो वाजे के बयान में सामने आ सकते हैं.

पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक वाजे को उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास एक एसयूवी गाड़ी में विस्फोटक मिलने और उसके बाद कारोबारी मनसुख हिरन की मौत के बाद मार्च 2021 में गिरफ्तार किया गया था.

रिमांड बढ़ाने का विरोध करते हुए देशमुख के वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि ईडी के अनुसार वाजे मुख्य आरोपियों में शामिल थे उसके बाद भी एजेंसी ने उन्हें कभी गिरफ्तार नहीं किया.

वकील ने कहा, ‘उनके मुताबिक वाजे ने अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने वाजे को गिरफ्तार किए बिना आरोपपत्र दाखिल किया. वह केवल कागजों पर आरोपी हैं.’

उन्होंने यह भी पूछा कि ईडी ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को तलब क्यों नहीं किया, जिन्होंने आरोप लगाया था कि देशमुख ने गृह मंत्री रहते हुए वाजे से एक महीने में मुंबई के बारों और रेस्तरांओं से 100 करोड़ रुपये वसूली करने को कहा था.

देशमुख के वकील ने कहा, ‘उनका बयान दर्ज क्यों नहीं किया गया.’ चौधरी ने आरोप लगाया कि जांच एजेंसी दुर्भावना से काम कर रही है.

उन्होंने दलील दी कि हाई कोर्ट में दोनों पक्षों ने सहमति जताई थी कि ईडी को केवल चार दिन के लिए देशमुख की हिरासत मिलनी चाहिए लेकिन अभियोजन पक्ष ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी को नए तथ्यों के मद्देनजर और रिमांड चाहिए जो देशमुख के कार्यकाल में पुलिस अधिकारियों के तबादलों और पदस्थापना के संबंध में पूछताछ से निकले हैं.

इस बीच, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने शुक्रवार को पीएमएलए अदालत के सामने देशमुख की पेशी के दौरान उनसे मुलाकात की थी. देशमुख से मिलकर सुले निकल गईं.

ईडी ने देशमुख के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. इससे पहले सीबीआई ने परमबीर सिंह के आरोपों के आधार पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था.


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