नई दिल्ली: पंजाब सरकार ने मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में कहा कि खालिस्तान समर्थक अलगाववादी अमृतपाल सिंह को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा तथा इस संबंध में कई एजेंसियों के साथ समन्वय किया जा रहा है.
पुलिस ने 18 मार्च को पंजाब में अमृतपाल और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी और अमृतपाल उसके बाद से लापता है. सरकार ने उसे भगोड़ा घोषित किया है. सोशल मीडिया में सामने आई तस्वीरों और वीडियो में वह कई बार अलग हुलिया में दिखा, ताकि पुलिस को चकमा दिया जा सके। हालांकि, पुलिस ने उसके कई साथियों को पकड़ा है.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि उन्होंने पुलिस महानिदेशक से उन लोगों को हिरासत से रिहा करने के लिए कहा है, जो देश विरोधी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं पाए गए हैं. मान ने हालांकि यह भी कहा है कि राज्य में शांति भंग करने की कोशिश करने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मंगलवार को, न्यायमूर्ति एन. एस. शेखावत की अदालत वकील ईमान सिंह खारा द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस याचिका में अमृतपाल सिंह को कथित पुलिस हिरासत से रिहा करने का अनुरोध किया गया है.
खारा ने हाल ही में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी. याचिका में दावा किया गया है कि अमृतपाल पुलिस की ‘अवैध हिरासत’ में है.
सुनवाई के दौरान पंजाब के महाधिवक्ता विनोद घई ने बताया कि अमृतपाल को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है.
अदालत भवन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि महाधिवक्ता ने अदालत को सूचित किया कि वे अमृतपाल को पकड़ने के करीब हैं.
याचिकाकर्ता के अनुसार, अदालत ने महाधिवक्ता को इस संबंध में हलफनामा दायर करने को कहा कि अमृतपाल पुलिस हिरासत में है। अदालत ने कहा कि राज्य का कहना है कि अमृतपाल को गिरफ्तार नहीं किया गया था.
अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि अगर वह यह साबित करने के लिए सबूत पेश करे कि अमृतपाल अवैध रूप से हिरासत में है, तो वह एक वारंट अधिकारी नियुक्त करेगी.
मामले में अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी.
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
यह भी पढ़ेंः लश्कर-ए-तैयबा का आख़िरी लड़ाका दक्षिण कश्मीर के जिहाद गढ़ में है जो अशिक्षित बाल सैनिक है