नई दिल्ली: उदयपुर के बाद अब अमरावती में भी नुपुर शर्मा के समर्थन में ट्वीट करने के लिए लिए एक 54 साल के कैमिस्ट की चाकू मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस के मुताबिक, कैमिस्ट उमेश प्रह्लादराव कोल्हे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर कथित तौर पर कुछ टिप्पणी की थी. अधिकारियों ने संदेह जताया है कि इसी पोस्ट को लेकर कुछ लोगों ने उमेश की हत्या कर दी.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को इस मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं. गृह मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया, ‘एमएचए ने 21 जून को अमरावती महाराष्ट्र में उमेश कोल्हे की बर्बर हत्या से संबंधित मामले की जांच एनआईए को सौंप दी है. हत्या के पीछे की साजिश, संगठनों की संलिप्तता और अंतरराष्ट्रीय संबंधों की पूरी जांच की जाएगी.’
"MHA has handed over the investigation of the case relating to the barbaric killing of Umesh Kolhe in Amravati Maharashtra on 21st June to NIA. The conspiracy behind the killing, involvement of organisations & international linkages would be thoroughly investigated," tweets HMO pic.twitter.com/MaQpkeqLt0
— ANI (@ANI) July 2, 2022
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, 21 जून को हुई उमेश की हत्या के सिलसिले में अब तक कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
गौरतलब है कि नुपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके खिलाफ देश और दुनिया के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुए थे.
अमरावती की पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने शनिवार को कहा, ‘केमिस्ट की हत्या के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है और मुख्य आरोपी इरफान खान (32) की तलाश जारी है, जो एक गैर-सरकारी संगठन चलाता है.’
यह घटना राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की हत्या से एक हफ्ते पहले की है.
अमरावती सिटी कोतवाली थाने के एक अधिकारी ने कहा, ‘उमेश अमरावती शहर में एक दवा की दुकान चलाता था. उसने कथित तौर पर नुपुर शर्मा के समर्थन में कुछ व्हाट्सएप समूह में एक पोस्ट साझा किया था. उमेश ने गलती से यह पोस्ट एक ऐसे व्हाट्सएप समूह में भेज दिया था, जिसमें दूसरे समुदाय के सदस्य भी थे.’
अधिकारी के मुताबिक, इरफान खान नामक एक व्यक्ति ने कथित तौर पर उमेश की हत्या की साजिश रची और इसके लिए पांच लोगों की मदद ली.
उन्होंने बताया कि इरफान ने उन पांच लोगों को 10-10 हजार रुपये देने और एक कार में सुरक्षित रूप से फरार होने में मदद करने का वादा किया था.
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