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Sunday, 28 September, 2025
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भारत में जन्मे चीतों में कूनो नेशनल पार्क का एक शावक सोमवार को हो जाएगा वयस्क

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भोपाल, 17 सितंबर (भाषा) भारत में पैदा हुए 16 चीतों में से एक सोमवार को मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में वयस्क हो जाएगा। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी और कहा कि इससे साबित होता है कि तीन साल पहले चीतों को पुनः बसाने के प्रयासों को बल मिल रहा है।

प्रोजेक्ट चीता के निदेशक उत्तम कुमार शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”29 मार्च, 2023 को नामीबियाई चीता ज्वाला से पैदा हुई मादा शावक मुखी सोमवार को वयस्क हो जाएगी। वह 915 दिन या 30 महीने की हो जाएगी। भारत में चीतों की संख्या बढ़ाने में योगदान देने के लिए वह तैयार हो जाएगी।’

उन्होंने कहा, ‘ज्वाला ने जिन चार शावकों को जन्म दिया था, उनमें से तीन की मौत भीषण गर्मी के कारण हो गई थी लेकिन मुखी बच गई। उसकी हालत अब अच्छी हो गई। आज हमारे प्रयासों के उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं।’

केन्द्र सरकार द्वारा चीता परियोजना के तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाकर 20 चीते कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े गए थे। इनमें नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को अपने जन्मदिन के अवसर पर कूनो के बाड़ों में छोड़ा था। इसके बाद फरवरी 2023 में 12 चीते दक्षिण अफ्रीका से लाए गए थे।

शर्मा ने कहा कि वर्तमान में भारत में 27 चीते हैं, जिनमें से 16 देश में पैदा हुए हैं और इनमें से 24 कूनो में और तीन गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में हैं। उन्होंने पुष्टि की कि परियोजना शुरू होने के बाद से 19 चीतों की मौत विभिन्न कारणों से हुई है, जबकि कूनो में अब तक कुल 26 शावक पैदा हुए हैं।

प्रोजेक्ट चीता के तीन साल बाद भारत में अब शुरुआती संख्या की तुलना में सात चीतों की वृद्धि हुई है।

प्रोजेक्ट चीता से जुड़े अधिकारियों ने कहा है कि चीतों को अपने जंगल में फिर से लाने का भारत का महत्वाकांक्षी कदम एक ‘बड़ी सफलता’ रही है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम ने इन चीतों के दुनिया के पहले अंतरमहाद्वीपीय हस्तांतरण की शुरुआती चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है। उन्होंने यहां यह इस बात का सबूत है कि चीतों ने भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप खुद को ढाल लिया है।

उन्होंने कहा कि कूनो में शावकों के जीवित रहने की दर 61 प्रतिशत से अधिक है, जबकि वैश्विक स्तर पर यह 40 प्रतिशत है।

सूत्रों के अनुसार, भारत चीतों के नई खेप लाने के लिए कुछ अफ्रीकी देशों के साथ बातचीत कर रहा है और उम्मीद है कि उनमें से 8-10 का एक समूह इस दिसंबर तक बोत्सवाना से आ जाए। उन्होंने कहा कि चीतों की नई खेप के लिए नामीबिया पर भी विचार किया जा रहा है, जहां से पहले भी इन जंगली जानवरों को लाया गया है।

भाषा सं ब्रजेन्द्र अमित

अमित

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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