नई दिल्ली : केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 में संशोधन की तैयारी शुरू कर दी है. सोमवार को लोकसभा में अमित शाह ने इस बिल को पेश किया जिसके बाद कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. साथ ही देश के कई हिस्सों में इस बिल को लेकर विरोध शुरू हो गया है. वहीं भाजपा ने इस बिल को लेकर अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है.
लोकसभा में जैसे ही बिल पेश हुआ विपक्षी पार्टियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया. विपक्ष के कुछ सदस्यों को आपत्ति थी की यह अनुच्छेद 14 समता के अधिकार का हनन करता है.सदन में बिल पेश करने को लेकर वोटिंग हुई. बिल के पक्ष में 293 विपक्ष में 82 वोट. लोकसभा में इस दौरान कुल 375 सांसदों ने वोट किया. यह बिल लोकसभा में स्वीकार हो गया. मंगलवार को इस पर चर्चा होने की संभावना होगी.
यह बिल संविधान के खिलाफ है
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बिल को पेश किया. विधेयक के पेश होते ही विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह बिल अप्लसंख्यकों के खिलाफ है. यह उन्हें टारगेट करते हुए बनाया गया है. चौधरी को जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा, ‘यह बिल कहीं पर भी इस देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है. वॉकआउट मत करना मैं इस बिल के बारे में सदन को पूरी जानकारी दूंगा.’
अमित शाह ने कहा कि ये बिल .001 प्रतिशत भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है.
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा केंद्र सरकार जो बिल लेकर आई है वह पूरी तरह से अल्पसंख्यकों के खिलाफ है. यह लोग (भाजपा) आर्टिकल 14 को ठुकरा रहे हैं. केंद्र सरकार हमारे लोकतंत्र का ढांचा को दरकिनार कर रही है. सरकार द्वारा जो बिल प्रस्तुत किया है यह संवधिान के अनुच्छे 5,14 और 15 की मूल भावना के खिलाफ है. आर्टिकल 13 और 14 को कमजोर किया जा रहा है.
आइए और मारिए हमें: सौगत राय
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह को लोकसभा में आए केवल छह माह ही हुए हैं. उनकों नियम के बारें में नहीं पता है. संविधान खतरे में है. सौगत राय की गृहमंत्री के बारे में कि गई इस टिप्पणी पर भाजपा के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. इस पर राय ने भाजपा के सांसदों से कहा कि आप हमें मारेंगे क्या. आइए और मारिए हमें. आप लोग यही कर सकते हैं.
इस कानून से देश और गृहमंत्री को बचा लीजिए
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता इस मुल्क का हिस्सा है. यह कानून हमारे मौलिक अधिकार को उल्लंघन करता है. यह बिल उच्च न्यायालय के आदेश का भी उल्लंघन कर रहा है. इस मुल्क को इस कानून से और गृहमंत्री को भी बचा लीजिए.
इसके बाद अमित शाह ने सदन में आर्टिकल-14 को पढ़ा. उन्होंने कहा कि मैं जो बिल लेकर आया हूं उससे कुछ लोगों को लगता है कि इससे समता का अधिकार का हनन हो रहा है. ऐसा नहीं है कि नागरिकता के लिए पहली बार निर्णय हो रहा है. 1971 में इंदिरा गांधी ने भी नागरिकता के लिए निर्धारण किया था.
शाह ने कहा कि इस देश की 106 किलोमीटर जमीनी सरहद अफगानिस्तान से लगती है. शाह ने कहा कि विपक्ष के सभी सदस्यों का बहस के दौरान पूरा जवाब दूंगा. मैं इसी देश का हूं और पूरा भूगोल जानता हूं. शायद ये लोग पीओके को भारत का हिस्सा नहीं मानते हैं. शाह ने कहा कांग्रेस ने किया देश का धर्म पर आधार विभाजन, इसलिए इस बिल की जरूरत पड़ी
गृहमंत्री ने नेहरू-लियाकत समझौते का जिक्र किया और कहा कि भारत में इसका सही से अनुपालन हुआ जिसमें अल्पसंख्यकों के लिए संरक्षण की बात थी.
शाह ने विपक्षी सदस्यों की तरफ से आर्टिकल 14 पर सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इस बिल में संविधान का कोई भी उललंघन नहीं हुआ है. यह बिल किसी भी आर्टिकल को दरकिनार नहीं करता है. सदस्यों के लागातार हो रहे हंगामे पर गृहमंत्री शाह ने कहा, ‘यह मुझे ऐसे नहीं रोक सकते हैं. लोगों ने इस सरकार को पांच साल के लिए चुना है. इन्हें मुझे सुनना होगा’.
पहुंच गया संदेश जहां पहुंचना था
वहीं हंगामा कर रहे विपक्षी सांसदों को कई बार लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने शांत और मर्यादा में रहने को कहा. उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान सभी सांसदों को पूरा समय दिया जाएगा फिलहाल हंगामा नहीं करें. इसी बीच तृणमूल कांग्रेस के सांसदों द्वारा लागतार हंगामा होता रहा. स्पीकर ने इस बीच तृणमूल कांग्रेस के सांसदों से कहा कि अब सभी सांसद शांत हो जाएं. आपका संदेश जहां पहुंचना था वहां पहुंच गया है.