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Tuesday, 17 September, 2024
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बंगाल में बाढ़ जैसे हालात के बीच डीवीसी ने बांधों से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा

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कोलकाता, 17 सितंबर (भाषा) दामोदर घाटी कारपोरेशन (डीवीसी) द्वारा सात घंटों के भीतर अपने पंचेत और मैथन बांधों से तीन लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण पश्चिम बंगाल के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति और बिगड़ने की आशंका है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार रात कहा कि झारखंड के बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद पश्चिम बंगाल के कम से कम सात जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा होने की आशंका है।

पत्रकार वार्ता में बनर्जी ने आरोप लगाया कि डीवीसी उनकी सरकार को सूचित किए बगैर बांध से पानी छोड़ रहा है।

डीवीसी के अधिकारियों ने बताया कि सोमवार रात साढ़े 11 बजे से मंगलवार की सुबह 6:54 बजे तक तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

उन्होंने बताया कि सोमवार रात को शुरू में 90 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, लेकिन ऊपर से पानी का प्रवाह अधिक रहने के कारण मंगलवार सुबह 6:54 बजे तक 2.1 लाख क्यूसेक पानी अतिरिक्त छोड़ा गया।

बनर्जी ने सोमवार को कहा था कि पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण बीरभूम, बांकुड़ा, हावड़ा, हुगली, पूर्वी बर्धमान और उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना जिलों के कुछ हिस्सों में पहले से ही बाढ़ आ गई है तथा नदियां उफान पर हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने झारखंड के मुख्यमंत्री को तीन बार फोन करके छोड़े जा रहे पानी को नियंत्रित करने का आग्रह किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जल स्तर तेजी से बढ़ने के बाद हुगली में कुछ लोग फंस गए हैं और प्रशासन को बचाव अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।’’

पश्चिम बंगाल के कई जिलों में दो दिनों तक लगातार बारिश के बाद गहरा दबाव क्षेत्र झारखंड की ओर बढ़ गया है, जिससे पड़ोसी राज्य में भारी बारिश हो रही है।

अधिकारियों ने बताया कि गहरे दबाव के कारण हुई भारी बारिश से दक्षिणी पश्चिम बंगाल में कई निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं।

उन्होंने बताया कि पश्चिम मेदिनीपुर जिले में सिलाबती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

तृणमूल कांग्रेस सांसद और अभिनेता दीपक अधिकारी ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले के घाटाल और केशपुर इलाकों में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया।

घाटल उप-विभागीय अधिकारी सुमन विश्वास ने कहा कि प्रशासन ने राहत सामग्री का भंडारण कर लिया है और जरूरत पड़ने पर शिविर लगाने की भी तैयारी की है।

स्थानीय लोगों के अनुसार चंद्रकोना ब्लॉक- 1 में धान और जूट की खेती करने वाले किसानों को बढ़ते जलस्तर के कारण भारी नुकसान हो सकता है।

भाषा यासिर नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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