चंडीगढ़ : पंजाब के तीन जिलों में पिछले तीन दिनों में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 38 लोगों की मौत हो गई. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि जहरीली शराब पीने से बुधवार की रात से तरन तारन जिले में 19, अमृतसर में 10 और बटाला में नौ लोगों की मौत हो गयी. ऐसा जान पड़ता है कि अमृतसर के मुछाल गांव में यह शराब बनायी गयी थी. पुलिस ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है.
अधिकारियों ने बताया कि इन तीन जिलों में 40 जगहों पर छापेमारी की गयी और शराब की तस्करी करने वाले आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिनकर गुप्ता ने बताया कि अमृतसर के तारसिक्का के मुछाल और तांगरा गांवों में बुधवार की रात को पांच लोगों की मौत हुई. बटाला के लोगों के अनुसार हाथीगेट इलाके में यह शराब बेची जाती थी.
शराब पीने से मृत भूपिंदर सिंह की मां शीला देवी ने संवाददाताओं से कहा कि उनके बेटे ने हाथी गेट इलाके में एक दुकान से शराब खरीदी थी. शराब पीने के कुछ ही घंटे बाद वह अचेत हो गया और मर गया.
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने घटना की मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश दिए हैं.
विपक्षी शिरोमणि अकाली दल ने भी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच कराने की मांग की है जबकि विपक्षी आप ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का इस्तीफा मांगा है.
एक अधिकारी ने बताया कि तारसिक्का थाना के प्रभारी विक्रमजीत सिंह को निलंबित कर दिया गया है. डीजीपी ने बताया कि बृहस्पतिवार रात को मुछाल गांव की बलविंदर कौर नामक एक महिला को गिरफ्तार किया गया है. उसपर भादंसं, आबकारी कानून की संबंधित धाराएं लगायी गयी हैं.
शुक्रवार को अभियान के दौरान अमृतसर, बटाला और तरणतारण जिलों में नकली शराब के सिलसिले सात और लोग गिरफ्तार किये गये. गुप्ता ने कहा कि आरोपियों के पास से भारी मात्रा में नकली शराब, ड्रम और भंडारित कैन बरामद किए गए और इन्हें जांच के लिए भेजा गया है.
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से हुई मौत के मामले में जालंधर के संभागीय आयुक्त द्वारा मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं. संभागीय आयुक्त जालंधर के साथ ही पंजाब के संयुक्त आबकारी और कर आयुक्त तथा संबंधित जिलों के एसपी द्वारा जांच की जाएगी.
शिरोमणि अकाली दल ने संभागीय आयुक्त स्तर की जांच को खारिज कर दिया और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराने की मांग की. आम आदमी पार्टी ने कहा कि मजिस्ट्रेटी जांच से काम नहीं चलेगा. पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि पार्टी मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करती है.
कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने ने उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश से इस मामले की निश्चित समय सीमा में जांच की मांग की.